पद्मावति फिल्म के प्रदर्शन की तारीख जैसे-जैसे पास आती जा रही है, इस पर रार बढ़ती ही जा रही है। एक दिसंबर को भारत बंद के ऐलान के बाद भी इस फिल्म पर राजनीति कम नहीं हो पा रही है।
राजपूत करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा, ‘दीपिका बेटी की तरह है, लेकिन उन्हें खुद इस फिल्म के विरोध के लिए आगे आना चाहिए।’ उनसे दो कदम आगे जाकर इसी सेना के अध्यक्ष ने कहा, ‘राजपूत महिलाओं पर हाथ नहीं उठाते, लेकिन लक्ष्मण ने भी शूर्पणखा की नाक काट ली थी।’ उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि आगे हिंसा न हो।
राजस्थान के महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा और उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी भी इस फिल्म के विरोध में हैं। शर्मा ने तो सेंट्रल बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन के चेयरमैन प्रसून जोशी को पहले फिल्म दिखाने के लिए पत्र भी लिखा है। जबकि माहेश्वरी का कहना है कि पद्मावति के चरित्र को मनोरंजन के नाम पर तोड़-मरोड़ कर नहीं दिखाया जा सकता।