आज देशभर में रक्षाबंधन का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के प्यार का प्रतीक है। बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है। रक्षाबंधन के अवसर पर भाई बहन के अटूट रिश्ते पर आधारित हिन्दी फिल्मों पर एक नजर डालते हैं।
हरे राम हरे कृष्णा ( 1971 )
देव आनंद के निर्देशन में बनी यह फिल्म भाई बहन के अटूट रिश्ते को सुंदरता से फिल्मी पर्दे पर दिखाने के लिए जानी जाती है। फिल्म में देव आनंद और जीनत अमान मुख्य भूमिका में हैं। राहुल देव बर्मन का संगीत है। फिल्म में एक लड़का, अपनी बहन को ढूंढने निकलता है और उसे घर वापस लाने की कोशिश करता है। इस दौरान कई मुश्किलें आती हैं लेकिन लड़का समझदारी धैर्य का परिचय देता है। कहानी भावुक करती है। "फूलों का तारा का सबका कहना है" लोकप्रिय गीत भाई बहन के अटूट बंधन को व्यक्त करता है।
छोटी बहन ( 1959 )
हम सभी ने इस फिल्म का गीत "भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना" सुना हुआ है। छोटी बहन में बलराज साहनी, नंदा, महमूद और रहमान ने मुख्य भूमिका निभाई थी।यह फिल्म भाई बहन के रिश्ते पर बनी लोकप्रिय फिल्म मानी जाती है।
सरबजीत ( 2016 )
सरबजीत भाई और बहन के अटूट रिश्ते को सुंदरता और भावुकता के साथ दिखाने वाली फिल्म है। फिल्म देखते हुए कई बार आंसू निकलते हैं। सरबजीत नामक युवक भूलवश भारत की सीमा पार कर के पाकिस्तान पहुंच जाता है। पाकिस्तानी सैनिक सरबजीत को जेल में बंद कर देते हैं। सरबजीत की बहन अपने भाई की रिहाई के लिए जी जान लगा देती है। फिल्म में रणदीप हुड्डा और ऐश्वर्या राय बच्चन मुख्य भूमिका में हैं।
मुकद्दर का सिकन्दर (1978)
मुकद्दर का सिकंदर यूं तो एक रोमांटिक एक्शन फिल्म है लेकिन इसमें भाई और बहन के अटूट बंधन को सुंदरता के साथ दिखाया गया है। फिल्म में अनाथ बालक को एक दिन मां की ममता मिलती है। मां मरते हुए बालक से वचन लेती है कि वह बहन का साथ कभी नहीं छोड़ेगा। सिकंदर मरती हुई मां से वादा करता है और अन्तिम सांस तक अपनी बहन का साथ निभाता है। प्रकाश मेहरा की इस फिल्म में मुख्य भूमिका अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, राखी, अमजद खान और रेखा ने निभाई है।
फिजा ( 2000)
फिजा भाई और बहन के रिश्ते पर आधारित एक इमोशनल फिल्म है। 1993 मुंबई दंगों के बाद अमान नाम का लड़का का घर से भागकर आतंकवादी संगठन से जुड़ जाता है। उसकी बहन फिजा अपने भाई अमान को वापस घर लाने के लिए जीतोड़ मेहनत करती है। इस कोशिश में फिजा को कई कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। फिल्म का अंत आंखों में आंसू ला देता है। फिल्म में मुख्य भूमिका ऋतिक रोशन, करिश्मा कपूर, मनोज बाजपेई और जया बच्चन ने निभाई है।