फ़िल्म " मिली " के गीतों की रिकॉर्डिंग चल रही थी।किशोर कुमार और संगीतकार सचिन देव बर्मन बहुत उत्साहित थे।बहुत मेहनत के बाद कई सुंदर गीत तैयार हुए थे।इन्हीं में से एक गीत " बड़ी सूनी सूनी है " सचिन देव बर्मन के दिल के क़रीब था।
एक रोज़ रिकॉर्डिंग के बाद किशोर कुमार अपने घर चले गए।उन्होंने कहा कि वह कुछ वक़्त बाद आएंगे और गीत " बड़ी सूनी सूनी है " की रिकॉर्डिंग करेंगे। इधर किशोर कुमार घर पहुंचे, उधर आधे घंटे बाद सचिन देव बर्मन को दिल का दौरा पड़ गया।सब लोग परेशान हो गए।सचिन देव बर्मन के बेटे राहुल देव बर्मन भागते हुए आए।उन्होंने जब अपने पिता को अस्पताल ले जाना चाहा तो सचिन दा ने इंकार कर दिया। सचिन दा बोले " किशोर से गाना रिकॉर्ड करवाना है, वह हो जाए फिर जहां ले जाना चाहते हो ले जाना"।
राहुल देव बर्मन बहुत परेशान हो गए। उन्होंने किशोर कुमार को सब बातें बताई। किशोर कुमार सचिन देव बर्मन के पास पहुंचे। सचिन देव बर्मन की स्थिति देखकर उन्हें एक बात सूझी।उन्होंने सचिन दा से आवाज़ बदलकर कहा " सचिन दा, मेरी आवाज़ थोड़ी बैठ गई है, मैं पूरी क्षमता से गा नहीं सकूंगा, आप अभी अस्पताल चले जाइए, मैं बाद में रिकॉर्डिंग कर लूंगा "।
सचिन देव बर्मन भी चाहते थे कि गाना बेस्ट हो।उन्होंने किशोर कुमार से कहा कि वह समय लेकर गाएं.लेकिन चाहे वह मौजूद हों या न हों, गाना इस तरह गाएं कि वह उनके पास ही हैं और उन्हें सुन रहे हैं। किशोर कुमार ने यह बात मान ली।सचिन देव बर्मन को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कुछ दिन बाद किशोर कुमार ने गाना रिकॉर्ड किया।पूरे वक़्त किशोर कुमार के ज़ेहन में यह बात रही कि सचिन दा इस गाने से बहुत जुड़े हुए हैं। इसलिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।गाना रिकॉर्ड किया गया। राहुल देव बर्मन गाना की रिकॉर्डिंग लेकर अस्पताल पहुंचे और अपने पिता को गाना सुनाया।गाना सुनते ही सचिन देव बर्मन की आंखों से आंसू बहने लगे।सचिन देव बर्मन बोले " ऐसा तो किशोर ही गा सकता था "।
यह समर्पण आज की तारीख़ में मिलना नामुमकिन है।शायद इसलिए ही आज ऐसे संगीतकार, कलाकार नहीं होते जो अमरता हो प्राप्त हो सकें।