बसु ने एनएफडीसी फिल्म बाजार से इतर पीटीआई-भाषा से कहा, मुझे खुशी है कि रणबीर जैसा एक अभिनेता है, जो जोखिम लेता है। वह सलमान जैसे नहीं हैं, जो हर फिल्म में एक ही चीज कर रहे हैं। वह बोरिंग है। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? गौरतलब है कि सलमान की पिछली दो फिल्मों ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘प्रेम रतन धन पायो’ को छोड़ दें तो अन्य फिल्में एक जैसे ढर्रे की एक्शन फिल्में हैं। हालांकि उनकी पिछली सात फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रही हैं और इनमें से हर ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है।
गोवा फिल्म फेस्टिवल के ही एनएफडीसी फिल्म बाजार से इतर दूसरी खबर अभिनेता मनोज बाजपेयी से जुड़ी है। बाजपेयी ने कहा है कि उनकी अगली फिल्म ‘अलीगढ़’ की कहानी प्रोफेसर रामचंद्र सिरास के जीवन पर आधारित है जिन्हें यौन अभिमुखता (सेक्चुअल ओरियंटेशन) के कारण नौकरी से निलंबित कर दिया गया था। बाजपेयी का कहना है कि फिल्म में इस कहानी को सनसनीखेज नहीं बनाया गया है। गैंग्स ऑफ वासेपुर के 46 वर्षीय अभिनेता बाजपेयी ने बताया कि इस संवेदनशील कहानी को लेकर फिल्म बनाते समय निर्देशक हंसल मेहता ने काफी जिम्मेदारी से काम किया है।
एनएफडीसी फिल्म बाजार से इतर बाजपेयी ने पीटीआई-भाषा को बताया, स्वभाव से न तो मैं सनसनीखेज प्रकृति का हूं औ न ही हंसल ऐसे हैं। हम उन लोगों में से हैं जो कहानी की जिम्मेदारी लेते हैं और ऐसा ही हुआ है तथा इसके साथ न्याय किया गया है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म सिरास का अपनी निजता के प्रति संघर्ष और सफर को लेकर है जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है। वह बहादुरी से लड़ने वाला व्यक्ति नही था, वह केवल अनिच्छुक विद्रोही था। बाजपेयी ने कहा फिल्म में वह सामने आ कर किसी से लड़ना नहीं चाहता। उसे समाज से निजता नहीं मिलती। वह उच्च न्यायालय जाता है और फैसला उसके पक्ष में होता है।