Advertisement

गायक एसपी बालसुब्रमण्यम का मोहम्मद रफी प्रेम

एसपी बालसुब्रमण्यम को उनकी मखमली आवाज, उनके अलग अंदाज के लिए याद किया जाता है। एसपी बालसुब्रमण्यम...
गायक एसपी बालसुब्रमण्यम का मोहम्मद रफी प्रेम

एसपी बालसुब्रमण्यम को उनकी मखमली आवाज, उनके अलग अंदाज के लिए याद किया जाता है। एसपी बालसुब्रमण्यम स्वयं मोहम्मद रफी के बड़े प्रशंसक थे। उनसे जब भी उनके पसंदीदा गायक के विषय में पूछा जाता रहा , उन्होंने मोहम्मद रफी का नाम लिया। 

एसपी बालसुब्रमण्यम बचपन से ही मोहम्मद रफी के गीत सुनते थे।उन्हें रफी के गीतों से बेइंतहा मुहब्बत थी। एसपी बालसुब्रमण्यम ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जवाहर लाल नेहरू तकनीकी विश्वविद्यालय अनंतपुर, आंध्र प्रदेश में दाखिला लिया। उनका सपना अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरना था। 

कॉलेज के दौरान, एसपी बालसुब्रमण्यम रोज सवेरे 7.30 बजे अपने कमरे से क्लासरूम के लिए साइकिल से निकलते थे। इस दौरान रोज वह एक ही गीत सुनते। गीत के बोल थे "दीवाना हुआ बादल", जिसे मोहम्मद रफी ने गाया था। जब एसपी बालसुब्रमण्यम इस गीत को सुनते तो भावुकता के कारण, उनकी आंखों से आंसू निकलने लगते। उन्हें यह किसी जादू की तरह महसूस होता। कॉलेज के दौरान एसपी बालसुब्रमण्यम ने गायन प्रतियोगिताओं में भाग लिया और बेहतरीन प्रदर्शन किया। आगे चलकर एसपी बालसुब्रमण्यम हिंदी और दक्षिण भारतीय सिनेमा के बड़े गायक बने। 

एसपी बालसुब्रमण्यम की एक ख्वाहिश हमेशा के लिए अधूरी रह गई। ख्वाहिश मोहम्मद रफी के संग गाने की। हालांकि एक बार एसपी बालसुब्रमण्यम और मोहम्मद रफी की मुलाकात हुई। रफी एक बार तेलुगु भाषा की फिल्म के लिए गीत रिकॉर्ड कर रहे थे। उसी रिकॉर्डिंग स्टूडियो में एसपी बालसुब्रमण्यम भी अपना गाना रिकॉर्ड कर रहे थे। जब उन्हें रफी साहब की मौजूदगी का पता चली तो वह रफी साहब से मिलने पहुंचे। एसपी बालसुब्रमण्यम ने रफी साहब के पांव छुए और फिर वापस चले आए। यही उनकी रफी साहब के साथ एकमात्र मुलाकात रही। यह भी अद्भुत अनुभव है कि जिन रफी साहब के गीत सुनकर एसपी बालसुब्रमण्यम बड़े हुए, एक दिन उन्हीं रफी साहब के समकालीन दौर में उन्होंने गीत गाए और अपनी पहचाना बनाई। 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad