निर्देशक करण जौहर अपनी फ़िल्म का निर्माण कर रहे थे। फ़िल्म का नाम था " कुछ कुछ होता है "। फ़िल्म में शाहरुख ख़ान, काजोल, रानी मुखर्जी मुख्य भूमिका में थे। जब फ़िल्म के लिए गीत लिखने की बारी आई तो करण जौहर और उनके पिता यश जौहर की पहली पसंद गीतकार जावेद अख़्तर थे। जावेद अख्तर उन दिनों लोकप्रिय गीतकार थे।
जावेद अख्तर साहब को ऑफिस बुलाकर करन जौहर ने फ़िल्म की बात की। जावेद अख्तर साहब ने जब फ़िल्म का टाइटल सुना तो उनके मिज़ाज बदल गए। उन्होंने कहा कि इस टाइटल से फ़िल्म बनी तो वह गीत नहीं लिखेंगे। यह टाइटल कुछ अजीब, अश्लील सा महसूस होता है। लेकिन करन जौहर का विज़न साफ़ था। वह एक पारिवारिक फ़िल्म बना रहे थे। इसलिए उन्हें फ़िल्म के टाइटल में कुछ खराबी नहीं लगी। इसलिए उन्होंने टाइटल नहीं बदला। टाइटल नहीं बदला गया तो जावेद अख्तर ने फिल्म छोड़ दी।
तब करण जौहर ने फ़िल्म के गीतकार के रूप में फिर समीर अंजान को साइन किया। इस तरह फ़िल्म कुछ कुछ होता है के गीत जावेद अख़्तर की जगह समीर अंजान ने लिखे। जब गीत पब्लिक ने सुने तो सभी गाने सुपरहिट साबित हुए। करण जौहर का निर्णय सही साबित हुआ।