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2017 में सिनेमा के इन चेहरों ने दुनिया को कहा अलविदा

साल 2017 खत्म होने को है। हर साल कुछ अच्छी-बुरी यादें हमें दे जाता है। कई लोग मिलते हैं, कई लोग बिछड़ जाते...
2017 में सिनेमा के इन चेहरों ने दुनिया को कहा अलविदा

साल 2017 खत्म होने को है। हर साल कुछ अच्छी-बुरी यादें हमें दे जाता है। कई लोग मिलते हैं, कई लोग बिछड़ जाते हैं। ऐसे ही सिनेमा की दुनिया में कई लोग इस साल दुनिया से बिछड़ गए। एक नजर में उन्हें याद करते हैं-

शशि कपूर

4 दिसंबर को बॉलीवुड के दिग्‍ग्‍ज अभिनेता शशि कपूर को निधन हो गया। वे 79 साल के थे। शशि कपूर ने 1970 व 1980 के दशक में रोमांटिक आइकन के रूप में पहचान बनायी थी। उनके किरदार, उनके डायलॉग्‍स, उनके गाने और उनका स्‍टाइल आज भी चर्चित है खासकर फिल्म दीवार में अमिताभ के सामने बोला गया उनका डायलॉग। उनका जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था।

60 और 70 के दशक में उन्होंने जब-जब फूल खिले, कन्यादान, शर्मीली, आ गले लग जा, रोटी कपड़ा और मकान, चोर मचाए शोर, दीवार कभी-कभी और फकीरा जैसी कई हिट फिल्में दीं। साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। 2015 में उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका था। शशि ने एक्टिंग में अपना करियर 1944 में अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर के नाटक 'शकुंतला' से शुरू किया था। उन्होंने फिल्मों में भी अपने एक्टिंग की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की थी और फिल्म 'आग' और 'आवारा' में बड़े भाई राज कपूर के बचपन का किरदार निभाया। आकर्षक व्यक्तित्व वाले शशि कपूर के बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था।

विनोद खन्ना

बॉलीवुड के हैंडसम अभिनेताओं में से एक विनोद खन्ना ने 27 अप्रैल को इस दुनियां को अलविदा कह दिया। वे कैंसर की बिमारी से जूझ रहे थे। वे 70 साल के थे। मौत से पहले जब हॉस्पिटल से उनकी तस्वीर सामने आई थी तो उन्‍हें पहचानना मुश्किल था कि वो विनोद खन्‍ना हैं। गुरुदासपुर से सांसद खन्ना ने मुंबई के रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में अंतिम सांस ली। विनोद खन्ना का निधन ब्लैडर कैंसर की वजह से हुआ। 

विनोद खन्ना का जन्म 7 अक्टूबर, 1946 में पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था लेकिन विभाजन के बाद इनका परिवार मुंबई आकर बस गया था। विनोद खन्ना ने 1971 में सोलो लीड रोल में फिल्म 'हम तुम और वो' में काम किया था। विनोद खन्ना ने राजनीति में भी सफल पारी खेली। एक वक्त में वे बीजेपी के स्टार प्रचारक थे। विनोद खन्ना ने 'मेरे अपने', 'कुर्बानी', 'पूरब और पश्चिम', 'रेशमा और शेरा', 'हाथ की सफाई', 'हेरा फेरी', 'मुकद्दर का सिकंदर' जैसी कई शानदार फिल्में की। विनोद खन्ना का नाम ऐसे एक्टर्स में शुमार था जिन्होंने शुरुआत तो विलेन के किरदार से की थी लेकिन बाद में हीरो बन गए। विनोद खन्ना आध्यात्मिक गुरू और दार्शनिक ओशो से भी जुड़े रहे थे।

ओम पुरी

इस साल की शुरुआत में ही इंडस्‍ट्री ने एक महान कलाकार और एक उम्‍दा आवाज को खो दिया। 6 जनवरी 2017 को हार्ट अटैक से ओम पुरी का निधन हो गया। ओम पुरी की मौत पर कई सवाल भी उठे, क्‍योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक आप्राकृतिक मृत्‍यु कर शंका जताई गई थी, जो बाद में झूठ साबित हुई थी।

ओम पुरी अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। ओम पुरी अभिनय के हर फन के माहिर माने जाते रहे थे। ओम पुरी थियेटर से जुड़े रहे थे और उन्होंने फिल्मी करियर की शुरुआत समानान्तर फिल्मों से की थी। उन्होंने हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है। ओम पुरी को पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

ओम पुरी आखिरी दिनों में भी अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय थे। ओम पुरी का जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला में हुआ था। ओम पुरी ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से की थी। 1980 में आई 'आक्रोश' ओम पुरी के सिने करियर की पहली हिट फिल्म साबित थी। 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने लगभग डेढ़ वर्ष तक अभिनय पढ़ाया। उन्होंने अपने निजी थिएटर ग्रुप 'मजमा' की स्थापना की। अपनी जिंदगी में ओम पुरी कई विवादों में भी घि‍रे रहे हालांकि अभिनय की क्षेत्र में वह एक ध्रुव तारा साबित हुए।

रीमा लागू

हिंदी फिल्‍मों में 'मां' के किरदार के लिए मशहूर हुईं रीमा लागू का 18 मई को निधन हो गया था। रीमा लागू 58 साल की थी और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। रीमा लागू को फिल्म 'हम आपके है कौन' और 'हम साथ-साथ हैं' में सलमान की मां के रोल देख चुके हैं। फिल्मों में एक सशक्त मां का किरदार निभाने वाली रीमा लागू ने यूं तो कई चुनिंदा फिल्मों में काम किया लेकिन फिल्म 'वास्तव' में उनके काम को खूब सराहा गया। फिल्म 'मैंने प्यार किया', 'आशिकी', 'साजन', 'हम आपके हैं कौन', 'वास्तव', 'कुछ कुछ होता है' और 'हम साथ साथ हैं' जैसी कई फिल्मों में रीमा ने मां का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। टीवी पर सीरियल 'श्रीमान जी श्रीमती जी', 'तू तू मैं मैं' में सास-बहू की लड़ाई को लोगों ने खूब पसंद किया, जिसमें वह सास के किरदार में थीं।

1970 के आखिरी और 1980 की शुरुआत में उन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों में काम शुरू किया। उन्होंने मराठी एक्टर विवेक लागू से शादी की हालांकि कुछ साल बाद ही दोनों अलग हो गए। उनकी एक बेटी भी है। रीमा लागू बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए चार बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता।

कुंदन शाह

मशहूर फिल्म डायरेक्टर और राइटर कुंदन शाह का 7 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने मुंबई स्थित बांद्रा इलाके में अपने घर पर अंतिम सांस ली। कुंदन शाह 69 साल के थे। उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में और लोकप्रिय टीवी शोज बनाए थे। 1983 की अपनी मोस्ट पॉपुलर फिल्म जाने भी दो यारों और टीवी सीरीज नुक्कड़ से मशहूर हुए। कुंदन शाह ने पुणे FTII से डायरेक्शन का कोर्स किया था।

उन्हें कॉमेडी फिल्में और नाटक बनाने में महारत हासिल थी। उन्होंने कभी हां, कभी ना, क्या कहना, खामोश, हम तो मोहब्बत करेगा, दिल है तुम्हारा जैसी फिल्मों को डायरेक्ट किया। कुंदन शाह को फिल्म ‘कभी हां, कभी ना’ के लिए बेस्ट मूवी का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। वह बहुचर्चित फिल्म जाने भी दो यारों के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किए गए। उन्होंने पॉपुलर टीवी सीरीज नुक्कड़, वागले की दुनिया और परसाई कहते हैं जैसे सीरियल्स बनाए। नवंबर 2015 में कुंदन शाह ने एक बड़ा ऐलान किया था जिसके बाद वह सुर्खियों में आए थे। देश में छाए असहिष्णुता विवाद पर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 23 निर्देशकों के साथ नेशनल अवॉर्ड को लौटाने की घोषणा की थी।

टॉम ऑल्टर

फिल्‍म अभिनेता, जर्नलिस्‍ट और थियेटर आर्टिस्‍ट टॉम ऑल्‍टर का 29 सितंबर को निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे। उन्‍होंने कई हिंदी फिल्‍मों में काम किया था। टॉम ऑल्टर ने सिर्फ टीवी और फिल्मों में ही नहीं, थियेटर में भी लंबे समय तक काम किया है। टॉम ने 1974 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे से एक्टिंग में ग्रेजुएशन के दौरान गोल्ड मेडल हासिल किया था।

67 साल के टॉम ने टीवी शोज के अलावा 300 के करीब फिल्मों में भी काम किया है। उन्हें खासतौर पर मशहूर टीवी शो जुनून में उनके किरदार केशव कल्सी के लिए जाना जाता है। 1990 के दशक में यह टीवी शो लगातार पांच साल तक चला था। 1980 से 1990 के दौरान टॉम एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे हैं। इतना ही नहीं उनके नाम एक और उपलब्धि है। वह टीवी पर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले वह पहले व्यक्ति थे। ऑल्टर ने तीन किताबें भी लिखी हैं 2008 में उन्हें कला और सिनेमा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म श्री अवॉर्ड भी दिया गया था।

इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ऑल्टर का जन्म मसूरी में हुआ था और उनकी परवरिश भी वहीं हुई। उन्होंने 1976 की धर्मेंद्र की फ़िल्म 'चरस' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। 1977 में ऑल्टर ने नसीरुद्दीन शाह के साथ मिलकर मोल्टे प्रोडक्शन के नाम से एक थियेटर ग्रुप बनाया था। वह थियेटर में लगातार सक्रिय रहे थे। उनकी खास फिल्मों की बात करें, तो इनमें परिंदा, शतरंज के खिलाड़ी और क्रांति जैसी फिल्में शामिल हैं।

लेख टंडन

फिल्म निर्माता, निर्देशक और अभिनेता लेख टंडन का 15 अक्टूबर को मुंबई में 88 साल की उम्र में पोवई स्थित उनके घर में निधन हो गया। वह कई तरह की स्वास्थ्य दिक्कतों से जूझ रहे थे। उन्होंने 'आम्रपाली' (1966) और ‘दुल्हन वही जो पिया मन भाए’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था।

लेख टंडन का जन्म 1929 में लाहौर में हुआ था। उन्होंने बॉलीवुड की कई सारी फिल्मों का निर्देशन करने के साथ ही वह खुद स्वदेस, रंग दे बसंती और चेन्नई एक्सप्रेस जैसी फिल्‍मों में काम किया। फिल्‍मों के अलावा लेख, टीवी सीरियल्स में भी नजर आ चुके हैं। कहा जाता है कि लेख टंडन ने ही शाहरूख खान की खोज की थी।

इंदर कुमार

सलमान खान के करीबी दोस्त और फिल्म व टीवी एक्टर इंदर कुमार कर निधन 28 जुलाई को हो गया। 44 साल के इस एक्टर को आधी रात दिल का दौरा पड़ा था। उस समय वह मुंबई के अंधेरी स्थि‍त अपने घर पर थे। इंदर कुमार ने 90 के दशक से अपना करियर शुरू किया था। वह अक्षय कुमार के साथ खिलाड़ियों के खिलाड़ी तो सलमान खान के साथ वॉन्टेड में नजर आए थे। इसके अलावा छोटे पर्दे पर वह क्योंकि सास भी कभी बहू थी में मिहिर के रोल में भी नजर आ चुके हैं। उनकी पूर्व पत्नी के अनुसार  इंदर कुमार को ड्रग्स और एल्कोहल की आदत थी। सोनल ने बताया कि उन्होंने इंदर को यह सब करने से रोका भी था, लेकिन वो माने नहीं। वो अपनी ही दुनिया में रहते थे। काम और पैसे की तंगी के चलते इंदर काफी डिप्रेशन में थे। हालांकि इस डिप्रेशन के पीछे एक वजह उन पर चल रहा बलात्कार का मामला भी था। एक 25वर्षीय मॉडल ने साल 2014 में उन पर रेप का आरोप लगाया था।

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