कम से कम भारत में तो अशक्त-अक्षम लोगों के लिए सुविधाओं की बहुत कमी है। हर साल विश्व स्तर पर अक्षम लोगों के लिए एक खास दिन आयोजन किए जाते हैं। इन आयोजनों के बाद क्या होता है यह सभी जानते हैं।
देश में पहली बार एक फिल्म उत्सव का आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है जिसमें अशक्त और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों पर बनी फिल्मों और वृत्तचित्र दिखाए जाएंगे। एक से तीन दिसंबर तक होने वाले इस उत्सव की शुरुआत मराठी फिल्म यलो से होगी। यह एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो दिमागी रूप से कमजोर है लेकिन उसके मन में आगे बढ़ने की लगन है।
देश-विदेश से इस उत्सव के लिए फिल्म प्रविष्टियां मंगाई गई हैं और चुनी हुई फिल्में यहां दिखाई जाएंगी। इस उत्सव का उद्देश्य यह है कि आम लोग ज्यादा से ज्यादा इन फिल्मों को देखें ताकि वे ऐसे लोगों के प्रति अपना नजरिया बदल सकें।