अनुपम खेर को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एफटीआईआई) का नया चेयरमैन बनाया गया है। एएनआइ के मुताबिक, गजेंद्र चौहान की जगह अनुपम खेर को चेयरमैन बनाया गया है।
Anupam Kher appointed as the chairman of The Film and Television Institute of India, replaces Gajendra Chauhan pic.twitter.com/3femKUgGTT
— ANI (@ANI) October 11, 2017
गजेंद्र चौहान को 2015 में एफटीआईआई का चेयरमैन नियुक्त किया गया था, जिसके खिलाफ कैंपस में बहुत विरोध प्रदर्शन हुआ था। हालांकि तब बीजेपी सरकार ने कोई बदलाव करने से इनकार कर दिया था लेकिन अब वह बदलाव करने जा रही है।
अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। इनके पिता पुष्कर नाथ एक कश्मीरी पंडित थे, वे पेशे से क्लर्क थे। अनुपम ने शिमला में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से स्नातक की शिक्षा पूरी की। 1985 में अनुपम खेर की शादी किरण खेर से हुई। पत्नी किरण खेर भाजपा से चंडीगढ़ की सांसद हैं।
अपने फिल्मी कॅरिअर की शुरुआत अनुपम खेर ने 1982 में 'आगमन' नामक फिल्म से की थी लेकिन 1984 में आई 'सारांश' उनकी पहली हिट फिल्म मानी जाती है।
बीते कुछ समय से अनुपम खेर अपने विचारों को लेकर काफी मुखर रहे हैं।
विवादित रहा था पूर्व चेयरमैन गजेंद्र चौहान का कार्यकाल
गजेंद्र चौहान का कार्यकाल 3 मार्च, 2017 को खत्म हो गया था। अपने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान गजेंद्र चौहान सिर्फ एक बार ही संस्थान में किसी मीटिंग को अटेंड करने गए थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 7 जनवरी 2016 को ही एक मीटिंग अटेंड की थी। गजेंद्र चौहान को एफटीआइआइ का चेयरमैन बनाए जाने पर उनका काफी विरोध किया गया था।
139 दिनों तक एफटीआइआइ के छात्रों ने हड़ताल की थी जिनमें से कुछ छात्रों ने अनशन भी किया था। वहीं अपने कार्यकाल के समाप्त होने से एक दिन पहले हुई बैठक में स्कॉलरशिप बढ़ाने और छात्रों को एकेडमिक्स की बैठकों से बाहर रखने को लेकर बातचीत की गई।
छात्रों के साथ-साथ फिल्मी जगत के कई कलाकारों ने भी गजेंद्र चौहान की काबिलियत पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें संस्थान का उच्चतम पद देने का विरोध किया था। संस्थान के छात्रों ने पुणे से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक विरोध प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से चौहान अपने नियुक्ति के सात महीने तक अपना पदभार संभाल नहीं पाए थे।
गजेंद्र चौहान की काफी आलोचना उनके कैंपस से बाहर रहने को लेकर भी हुई थी। वहीं छात्रों को एकेडमिक्स की बैठकों से बाहर रखने को लेकर छात्रों ने चौहान पर आरोप लगाए कि उन्हें एकेडमिक्स के जरूरी फैसलों से दूर रखने के लिए यह फैसला लिया गया।
एफटीआइआइ के चेयरमैन का कार्यकाल सामान्य तौर पर तीन साल का होता है और अब अनुपम खेर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। गजेंद्र चौहान ने अनुपम खेर को बधाई दी है।
Anupam Kher has been appointed now as FTII Chairman, I hope he works well. My good wishes are with him: Gajendra Chauhan,Ex-FTII chairman pic.twitter.com/rXbcwrMqJg
— ANI (@ANI) October 11, 2017