समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 पर ऐतिहासिक फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आज प्रमुख न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि यह परस्पर सहमति का मामला है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद देश के तमाम राज्यों में समलैंगिक लोगों में खुशियों की लहर है।
अधिकारों के लिए ऐतिहासिक जीत और देश के लिए गौरव का क्षण
कोर्ट के फैसले के बाद न सिर्फ समलैंगिक लोगों ने ही बल्कि बॉलीवुड हस्तियों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। फिल्म डायरेक्टर करण जौहर और हंसल मेहता जैसी बॉलीवुड हस्तियों ने समलैंगिक लोगों के सहमति से यौन संबंध बनाने को अपराध के दायरे से बाहर रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे समान अधिकारों के लिए ऐतिहासिक जीत और देश के लिए गौरव का क्षण बताया।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरूवार को एकमत से 158 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के उस हिस्से को निरस्त कर दिया जिसके तहत परस्पर सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध था।
हंसल मेहता ने इस फैसले को ‘नई शुरुआत’ बताया
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामचंद्र सिरस के जीवन से प्रेरित होकर ‘अलीगढ़’ फिल्म बनाने वाले निर्देशक हंसल मेहता ने इस फैसले को ‘नई शुरुआत’ बताया। उन्हें समलैंगिक होने के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘एक नई शुरुआत। कानून ने अपना काम किया। सुप्रीम कोर्ट ने वह किया जो संसद नहीं कर पाई। अब समय आ गया है कि रवैय्या बदला लाए। चलिए खुश हों लेकिन साथ ही दिखे भी। यह एक नई शुरुआत है। धारा 377 फैसला।’
देश को अपनी ऑक्सीजन वापस मिल गई: करण जौहर
फिल्म निर्माता करण जौहर ने भी इस फैसले की प्रशंसा की। उन्होंने टि्वटर पर लिखा, ‘ऐतिहासिक फैसला। आज बहुत गौरवान्वित हूं। समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर रखना और धारा 377 रद्द करना मानवता तथा समान अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण है। देश को अपनी ऑक्सीजन वापस मिल गई।’
विवेक की एक बार फिर जीत हुई: अर्जुन कपूर
अभिनेता अर्जुन कपूर ने कहा, ‘विवेक की एक बार फिर जीत हुई। हम विश्वास कर सकते हैं कि हमारे पास इस पीढ़ी के लिए निर्णय लेने वाले कुछ समझदार लोग और सांसद हैं।’
‘एक दिन कोई लेबल नहीं होगा और हम सभी आदर्श समाज में रहेंगे’
अभिनेत्री सोनम कपूर ने कहा कि एलजीबीटीक्यूआई समुदाय के लिए उनकी आंखों में खुशी के आंसू हैं। उन्होंने कहा, ‘एक दिन कोई लेबल नहीं होगा और हम सभी आदर्श समाज में रहेंगे।’
‘अलीगढ़’ के पटकथा लेखक अपूर्व असरानी ने कहा कि इस समुदाय को आजादी पाने के लिए 71 साल लगे लेकिन उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकी।
सुप्रीम कोर्ट को स्वरा भास्कर ने कहा शुक्रिया
अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि लोकप्रिय नैतिकता संवैधानिक अधिकारों को नहीं कुचल सकती। उन्होंने कहा, ‘शुक्रिया माननीय उच्चतम न्यायालय। मैं उम्मीद करती हूं कि भारत के नागरिक सुन रहे हैं। बहुमतवादी विचार और लोकप्रिय नैतिकता संवैधानिक अधिकार तय नहीं कर सकते। हमें पूर्वाग्रहों को खत्म करना, सभी तरह के लोगों को गले लगाना और समान अधिकार सुनिश्चित करने होंगे।’
‘अलविदा धारा 377’
अभिनेत्री निमरत कौर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा, ‘अलविदा धारा 377। जन्मदिन मुबारक 2018। समान प्रेम। समान जिंदगियां। आज गौरवान्वित भारतीय हूं।’ फरहान अख्तर ने कहा कि यह फैसला समय की मांग है। अभिनेता आयुष्मान खुराना ने भी धारा 377 को खत्म करने का जश्न मनाया। अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने लिखा, ‘आज बहुत खुश हूं।’
जानें फैसले के दौरान कोर्ट ने क्या कहा-
पांच जजों की संवैधानिक पीठ का फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा देश में व्यक्तिगत पसंद को इजाजत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकता है। जीवन का अधिकार एक मानवीय अधिकार है इसके बिना बाकि अधिकारों का कोई भी औचित्य नहीं है।
नैतिकता की आड़ में अधिकारों का हनन- कोर्ट
पीठ ने अपने आदेश में कहा, हमें पुरानी धारणाओं को बदलने की जरूरत है। नैतिकता की आड़ में किसी के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता। सामाजिक नैतिकता, संवैधानिक नैतिकता से ऊपर नहीं है। सामाजिक नैतिकता मौलिक आधार को नहीं पलट सकती। यौन व्यवहार सामान्य, उस पर रोक नहीं लगा सकते।