बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर को कोरोना वायरस हो गया था जिसके बाद से वो लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) अस्पताल में भर्ती थीं जहां उनका इलाज चल रहा था। अब कनिका ठीक हो गईं हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वो पिछले करीब 17 दिन से अस्पताल में भर्ती थी। अब उन्हें 14 दिन तक अपने घर पर क्वारेंटाइन में रहना होगा।
इलाज के दौरान कनिका के कई बार टेस्ट हुए और शुरुआती पांच बार उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली, लेकिन छठी बार उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई जिसके बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। मालूम हो कि कनिका ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह जानकारी दी थी कि उन्हें कोरोना हो गया है।
परिवार था चिंतित
कनिका की शुरुआती कुछ रिपोर्ट पॉजिटिव आईं जिससे उनके परिवार की चिंता बढ़ गई थी। उनके परिवार का कहना था कि वो चिंतित हैं, क्योंकि लग नहीं रहा कि इलाज का कनिका पर कोई असर हो रहा है। हालांकि डॉक्टरों का कहना था कि कनिका खतरे के बाहर हैं और स्थिर हैं।
कनिका कपूर 9 मार्च को लंदन से भारत लौटी थीं और देश आने के बाद वो सेल्फ आइसोलेशन में नहीं रहीं बल्कि कई पार्टियों में शामिल हुईं। बताया यह भी जा रहा था कि कनिका ने एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग नहीं करवाई थी और इससे बचने के लिए वो वॉशरूम में छुप गईं थीं। इसके बाद वो एक दिन मुंबई में रुकीं और बाद में लखनऊ व कानपुर गईं और पार्टियों में शामिल हुईं।
पुलिस ने किया था मामला दर्ज
कनिका कपूर ने अस्पताल पर यह आरोप लगाया था कि उन्हें खाने के लिए मक्खी लगे हुए फल दिए जा रहे हैं और कोई उनका ख्याल नहीं रख रहा है। यहां तक कि उन्हें पानी भी नहीं मिल रहा है। इसके बाद पीजीआई अस्पताल के डायरेक्टर आरके धीमन ने कनिका को लेकर हैरान करने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि कनिका कॉपरेट नहीं कर रही हैं। उन्हें अस्पताल के सबसे अच्छा सिंगल आइसोलेटेड कमरा दिया गया है लेकिन वो फिर भी नखरे कर रही हैं। उन्होंने कहा था, हमने कनिका के लिए ज्यादा गार्ड रखे हैं क्योंकि मुमकिन है कि वो भाग जाएं या शायद और लोगों में भी यह इंफेक्शन फैलाएं।
इससे पहले, लखनऊ पुलिस ने गायिका को कोरोनोवायरस से संक्रमित होने के बावजूद शहर में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए लापरवाही बरतने के आरोप में बुक किया था और अधिकारियों द्वारा उसके घर पर खुद को अलग करने का निर्देश दिया था।
उनके खिलाफ शहर के सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी।