सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन प्राइम वीडियोज की भारत वाणिज्यिक प्रमुख अपर्णा पुरोहित को शुक्रवार को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा ओटीटी प्लेटफर्म को रेग्युलेट करने के लिए बनाए गए नए रूल्स पर असंतुष्टि जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि यह बिना दांत का है और ऐसे कंटेंट को बिना कानून के रेग्युलेट नहीं किया जा सकता। वहीं, केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह इस मामले में कदम उठाएंगे और कोर्ट को अवगत कराएंगे।
जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की खंडपीठ ने अपर्णा पुरोहित से कहा कि वह छानबीन में सहयोग करेंगी। कोर्ट ने कहा कि अपर्णा को तलब किये जाने पर जांच के लिए पुलिस के समक्ष पेश होना होगा।
अपर्णा पुरोहित ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है जिसमें हाई कोर्ट ने वेब सीरीज तांडव मामले में दर्ज मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। तांडव वेब सीरीज मामले में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में अपर्णा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि ओटीटी कंटेप्ट के स्क्रीनिंग की जरूरत है। कुछ ओटीटी प्लेटफर्म तो पोर्नोग्राफी तक दिखा रहे हैं ऐसे में इसके कंटेंट पर नजर रखने के लिए स्क्रीनिंग की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा था कि वह नई आईटी रूल्स 2021 को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करें। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सामने आईटी रूल्स पेश किया गया। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हमने आईटी रूल्स और गाइडलाइंस को देखा है लेकिन इसमें कोई दम ही नहीं है। इसमें अभियोग चलाने के बारे में कई पावर नहीं है। ये सिर्फ गाइडलाइंस है।