हाल ही में मॉब लिंचिंग पर 49 हस्तियों ने मोदी सरकार को पत्र लिखा था, जिस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। पीएम मोदी को लिखे लेटर के जवाब में अब 61 हस्तियों ने खुला खत लिखा है। इस खत को लिखने वाली हस्तियों में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, गीतकार प्रसून जोशी, क्लासिकल डांसर और सांसद सोनल मानसिंह समेत 61 हस्तियों ने 49 सेलेब्स के लेटर को चुनिंदा आक्रोश बताया है। इस लेटर पर 61 हस्तियों के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने पूछा कि जब आदिवासियों को माओवादी निशाना बनाते हैं तब ये क्यों चुप रहते हैं।
अपने ओपन लेटर में 61 हस्तियों ने लिखा है कि देश के 49 स्वयंभू संरक्षक और विवेकियों ने लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर एक बार फिर से चयनात्मक चिंता व्यक्त की है जिससे स्पष्ट तौर पर राजनीतिक पूर्वाग्रह का प्रदर्शन होता है। खत में झूठे और अपमानजनक आरोपों पर सवाल उठाए गए हैं। इसमें पूछा गया है कि जब आदिवासी और हाशिए पर मौजूद लोगों को नक्सलियों द्वारा निशाना बनाया जाता है तब ये सेलिब्रिटी चुप क्यों रहते हैं।
मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी के विरोध में इन 61 हस्तियों ने लिखी चिट्ठी
49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री को पत्र में क्या लिखा था
इससे पहले देश के अलग-अलग क्षेत्रों की 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर यह अपील की कि मुस्लिमों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भीड़ हिंसा तत्काल प्रभाव से रुकनी चाहिए। लोकतंत्र में असहमति की भी जगह होती है।
इस पत्र पर चर्चित फिल्म निर्माता अडूर गोपाल कृष्णन और अपर्णा सेन, गायिका शुभा मुदगल और इतिहासकार रामचंद्र गुहा जैसी हस्तियों के दस्तखत थे। 23 जुलाई को लिखे पत्र में कहा गया है कि जो लोग सरकार की आलोचना करते हैं, उन्हें राष्ट्रविरोधी या शहरी नक्सली करार नहीं देना चाहिए। इसमें कहा गया है कि जय श्रीराम के नारे का इस्तेमाल युद्धोन्माद जैसा किया जा रहा है।
पत्र में दावा किया गया कि 29 अक्टूबर, 2018 से जनवरी, 2019 के दौरान देश में 254 से ज्यादा धार्मिक पहचान पर आधारित नफरत वाले अपराध दर्ज किए गए हैं। पत्र में पूछा गया है कि इन मामलों के दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?' पत्र में मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, विनायक सेन, सौमित्र चटर्जी, गौतम घोष, कौशिक सेन, कोंकणा सेन शर्मा समेत कुल 49 हस्तियों के नाम हैं।
वहीं, एक प्रेस कॉफ्रेंस कर अपर्णा सेन ने पत्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा था अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों से जबरदस्ती ‘जय श्रीराम’ का नारा लगवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हेट क्राइम चरम पर है। हमें देशद्रोही करार देने का अधिकार किसी के पास नहीं है। पत्र पर बंगाली सिनेमा अभिनेता सौमित्र चटर्जी, दक्षिण की फिल्म निर्माता और अभिनेत्री रेवती, सामाजिक कार्यकर्ता विनायक सेन और समाजशास्त्री आशीष नंदी ने भी दस्तखत किए हैं।