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भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने बप्पी लहरी को किया सम्मानित

पिछले 44 सालों से 'डिस्को डांसर' से लेकर 'ऊ ला ला' तक एक से बढ़कर एक गानों पर संगीत प्रेमियों को झुमाने वाले...
भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने बप्पी लहरी को किया सम्मानित

पिछले 44 सालों से 'डिस्को डांसर' से लेकर 'ऊ ला ला' तक एक से बढ़कर एक गानों पर संगीत प्रेमियों को झुमाने वाले बप्पी लहरी ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। यूनाइटेड किंगडम स्थित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए बप्पी दा को सम्मानित किया है।

डिस्को म्यूजिक को इंडियन टच देने के लिए मशहूर

बप्पी लहरी सिंथेसाइज्ड डिस्को म्यूजिक को इंडियन टच देने के लिए मशहूर हैं। एक साल में 33 फिल्मों में काम करने पर उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। बप्पी लहरी पहले संगीतकार हैं, जिन्हें 'चाइना अवॉर्ड' से सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान 'जिम्मी जिम्मी' गाने के लिए दिया गया।

हिन्दी के अलावा इन भाषाओं में भी किया काम

बप्पी दा ने सिर्फ हिन्दी या बांग्ला नहीं बल्कि मलयालम, पंजाबी, तेलुगु, कन्नड़ और उड़िया गानों में भी म्यूजिक दिया। 20 साल की उम्र में करियर शुरू करने वाले बप्पी लहरी को इसी साल जनवरी में 63वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया।


इन फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं बप्पी दा

बप्पी लहरी ने कई फिल्मों में गेस्ट अपीयरेंस भी दिया है। साल 1974 में वह किशोर कुमार की फिल्म 'बढ़ती का नाम दाढ़ी' में बापू जिप्सियन का किरदार निभाया था। इसके बाद वह फिल्म कलाकार (1983) और बांग्ला फिल्म 'नयन मोनी' (1990) में भी नजर आ चुके हैं।

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