'कभी-कभी तो लगता है कि अपुन ही भगवान है।'
गणेश गायतोंडे। एक गैंगस्टर, जिसे भगवान से नफरत और बंबई (मुंबई) से प्यार है। गोपालमठ उसका इलाका है। उसकी यात्रा परिस्थितियों से उपजी है। उसकी यात्रा का अहम भाग है कॉन्स्टेबल सरताज सिंह, जिसे वह आगाह करता है कि 25 दिन में सब तबाह हो जाएगा। सरताज सिंह गुत्थियां सुलझाने में लगता है और इसमें उसकी मदद करती है रॉ की एक एजेंट।
वीडियो स्ट्रीमिंग के दिग्गज प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर भारत की पहली ओरिजिनल वेब सीरीज सैक्रेड गेम्स रिलीज हो चुकी है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सैफ अली खान, राधिका आप्टे, नीरज कबी अभिनीत आठ एपिसोड में फैला यह इसका पहला सीजन है और तीन सीजन आने बाकी हैं। यह सीरीज विक्रम चंद्रा के करीब हजार पन्नों वाले नॉवेल पर आधारित है और वरुण ग्रोवर ने इसे सीरीज के हिसाब से लिखा है। गैंग्स ऑफ वासेपुर, गुलाल, अग्ली, मुक्काबाज फेम अनुराग कश्यप और उड़ान, लुटेरा के विक्रमादित्य मोटवाने ने इसे डायरेक्ट किया है।
अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना किसी डायरेक्टर की सबसे बड़ी चुनौती है। किसी एक विधा में फंसकर रह जाना किसी भी डायरेक्टर के लिए आसान है। अगर देखा जाए तो यह सीरीज अनुराग कश्यप के लिए एक बार फिर अपने कंफर्ट जोन में लौटने जैसी है। मुक्काबाज में हालांकि उन्होंने कुछ नया प्रयोग किया था लेकिन गैंग्स ऑफ वासेपुर की स्टाइल उनके काम को आंकने का पैमाना बन चुकी है। हालांकि ऐसा होना नहीं चाहिए लेकिन उम्मीदों का बोझ ढोना डायरेक्टर की नियति है और उससे निकलना उसकी चुनौती। गालियों और सेक्स सीन से भरी ये सीरीज अपने ट्रीटमेंट में पुरानी ही है। यह अनुराग मार्का फिल्मों की यूएसपी रही है लेकिन इसमें ये एक वक्त के बाद बोझिल लगने लगता है। हां, उन्होंने बंबई (मुंबई) को बखूबी जिया है, जिसका असर उनके काम में दिखता है। हालांकि बॉम्बे वेलवेट में वे लड़खड़ा गए थे।
गणेश गायतोंडे का किरदार निभा रहे नवाज में फैजल खान की झलक दिखती है। नवाज टाइप्ड एक्टर होते जा रहे हैं। सैफ अली खान ने ओमकारा में लंगड़ा त्यागी के किरदार के बाद कुछ याद रखने लायक काम किया है। राधिका आप्टे का काम भी अच्छा है।
सीरीज में धर्म का एक खास एंगल जोड़ा गया है, लेकिन आखिरी एपिसोड में इसे लेकर कुछ बातें ही खुलती हैं जो आगे जाकर शायद और स्पष्ट हों। 80 और 90 के दशक में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों की झलकियां हैं। शाह बानो केस को लेकर राजीव गांधी पर टिप्पणी को लेकर सीरीज विवादों में भी है। इसमें बाबरी विध्वंस का जिक्र है और यह भ्ाी कि कैसे इसका असर एक गैंगस्टर के सोचने के तरीके पर पड़ता है।
सीरीज पर अनुराग की अपनी ही फिल्मों के अलावा गॉडफादर और मार्टिन स्कॉर्सेजी की कई फिल्मों का असर नजर आता है। कई जगह तो गॉडफादर के थीम म्यूजिक से मिलती-जुलती धुन भी सुनाई देती है। वैश्विक स्तर पर भले ही यह भारत की उपस्थिति दर्ज करवा रही हो लेकिन इसमें ओरिजिनल जैसा कुछ भी नहीं है, खासकर उन लोगों के लिए जो अनुराग के काम से वाकिफ हैं। इसे नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर भारत की ठीक-ठाक शुरुआत मानी जा सकती है लेकिन यह कोई धमाकेदार उपस्थिति नहीं है।