बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव अपनी 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर 70 अनुभवी फिल्म निर्माताओं और आलोचकों के मतदान के आधार पर 100 सर्वश्रेष्ठ एशियाई फिल्मों की सूची बना रहा है।
अपू त्रयी में सन 1955 में बनी पाथेर पांचाली, सन 1956 में बनी अपराजिता और सन 1959 में बनी अपूर संसार शामिल हैं। इन फिल्मों में भारतीय समाज को पूरी गंभीरता और वास्तविकता के साथ दिखाया गया है। सत्यजीत रे को एशियाई फिल्मों का मास्टर तथा भारतीय सिनेमा का जनक कहा जाता है।
एशियन सिनेमा 100 एशियाई फिल्मों के मूल्यों पर नजर डालने के लिए बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और बुसान सिनेमा सेंटर द्वारा शुरू की गई संयुक्त परियोजना है।
100 फिल्मों की सूची में शामिल किए गए अन्य भारतीयों में ऋत्विक घटक, राज कपूर, अडूर गोपालकृष्णन, गुरु दत्त, महबूब खान, गोविंन अरविंदर और मीरा नायर शामिल हैं।