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भारत के 25% क्षेत्रों में पड़ सकता है सूखा! आधा मानसून गुजरने के बाद भी वर्षा की कमी

मॉनसून का मौसम करीब आधा बीत चुका है और भारत के मौसम संबंधी 36 उपखंडों में से 25 प्रतिशत में कम बारिश दर्ज...
भारत के 25% क्षेत्रों में पड़ सकता है सूखा! आधा मानसून गुजरने के बाद भी वर्षा की कमी

मॉनसून का मौसम करीब आधा बीत चुका है और भारत के मौसम संबंधी 36 उपखंडों में से 25 प्रतिशत में कम बारिश दर्ज की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में देश में सामान्य यानी 280.5 मिमी से नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई जो 306.6 मिमी है। एक जून से 445.8 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले 453.8 मिमी वर्षा हुई, जो दो प्रतिशत अधिक है।

जुलाई में बारिश असमान रही। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में बारिश में काफी कमी दर्ज की गई। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बारिश में कमी 35 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक रही।

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 13 उपखंडों में औसत से अधिक बारिश, 14 में सामान्य और नौ में कम बारिश दर्ज की गई। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में वर्षा की कमी 30 जून को 13.3 प्रतिशत से बढ़कर 31 जुलाई को 19 प्रतिशत हो गई, तथा इस क्षेत्र में मानसून सीजन में अब तक 752.5 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 610.2 मिमी वर्षा हुई।

उत्तर-पश्चिम भारत में जुलाई में 182.4 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य तौर पर 209.7 मिमी बारिश होती है। इसमें 13 प्रतिशत की कमी आई। इस क्षेत्र में इस मानसून सीजन में अब तक 235 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य तौर पर 287.8 मिमी बारिश होती है, यानी 18 प्रतिशत की कमी आई है।

आंकड़ों के अनुसार, मध्य भारत में जुलाई में सामान्य से 33 प्रतिशत अधिक यानी 427.2 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य तौर पर 321.3 मिमी बारिश होती है। इस क्षेत्र में इस मानसून सीजन में अब तक 574.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य तौर पर 491.6 मिमी बारिश होती है। दक्षिणी प्रायद्वीप में जुलाई में 36 प्रतिशत अधिक यानी 279.2 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य तौर पर 204.5 मिमी बारिश होती है। कुल मिलाकर, इस मानसून सीजन में अब तक 463.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य तौर पर 365.5 मिमी बारिश होती है। इस प्रकार 27 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

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