हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद कुल 38 सड़कें बंद हो गयीं और 11 बिजली आपूर्ति योजनाएं बाधित हुईं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने रविवार शाम को यह जानकारी दी।
स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के छह जिलों में बुधवार को अलग-अलग स्थानों पर तेज हवाएं चलने और गरज के साथ बौछारें पड़ने का 'येलो' अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने 21 सितंबर तक राज्य में बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है।
इस अवधि के दौरान धरमपुर में 26 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि रेणुका में 20 मिमी, चंबा में 11 मिमी, करसोग में 10 मिमी, कल्पा में 8.5 मिमी, नाहन में 7.9 मिमी, सराहन में छह मिमी तथा धर्मशाला और कांगड़ा में 5.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
एसईओसी के अनुसार कांगड़ा में सबसे अधिक 10 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला और मंडी में आठ-आठ, लाहौल और स्पीति में पांच, कुल्लू और किन्नौर में तीन-तीन तथा सिरमौर में एक सड़क बंद है।
राज्य में एक जून से 15 सितंबर तक मानसून के दौरान बारिश की कमी 18 प्रतिशत है, राज्य में मानसून के दौरान 689.6 मिमी औसत बारिश के मुकाबले 562.9 मिमी बारिश हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, राज्य में मानसून के आगमन के बाद, 27 जून से शनिवार तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 171 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 लोग लापता हैं।
उन्होंने बताया कि बारिश संबंधी घटनाओं में राज्य को 1,327 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
लाहौल एवं स्पीति का कुकुमसेरी 7.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जबकि ऊना 33.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान के साथ सबसे गर्म स्थान रहा।