केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार, 24 जून 2025 को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि भारत के लोग कभी भी तानाशाही स्वीकार नहीं करेंगे। दिल्ली में 'आपातकाल के 50 साल' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को "लोकतंत्र पर काला अध्याय" करार दिया। उन्होंने कहा, "हमने आपातकाल के खिलाफ युद्ध जीता, क्योंकि इस देश के लोग तानाशाही बर्दाश्त नहीं कर सकते। संविधान और लोकतंत्र की भावना भारत के लिए स्वाभाविक है।"
शाह ने सवाल उठाया कि 50 साल पुरानी घटना को क्यों याद करना चाहिए। उन्होंने जवाब दिया, "50 साल में यादें धुंधली हो सकती हैं, लेकिन आपातकाल की स्मृति को ताजा रखना जरूरी है, वरना यह लोकतांत्रिक देश के लिए खतरा बन सकता है।" उन्होंने उस समय की क्रूरता का जिक्र किया, जब बिना विरोध या नारेबाजी के लोगों को "राष्ट्र-विरोधी" करार देकर जेल में डाल दिया गया। शाह ने बताया कि 11 साल की उम्र में उन्होंने आपातकाल देखा, हालांकि गुजरात में जनता सरकार के कारण इसका असर कम था।
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "आपातकाल को राष्ट्र की रक्षा के लिए बताया गया, लेकिन सच यह था कि यह उनकी सत्ता की रक्षा के लिए था।" शाह ने कहा कि आपातकाल ने भारत के लोकतंत्र की ताकत को भी दिखाया, क्योंकि जनता ने इसका डटकर मुकाबला किया। उन्होंने बीजेपी के विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन (SPMRF) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया, जिसमें आपातकाल के खिलाफ लड़े नायकों को सम्मानित किया गया