अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 3 जुलाई 2025 को ऐलान किया कि वह शुक्रवार से विभिन्न देशों को टैरिफ पत्र भेजना शुरू करेंगे, जिसमें भारत भी शामिल है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत अंतिम चरण में है, लेकिन 9 जुलाई की समय सीमा से पहले कोई बड़ा समझौता नहीं हुआ। ट्रम्प ने कहा, “हम 170 से ज्यादा देशों को पत्र भेजेंगे, जिसमें बताया जाएगा कि उन्हें अमेरिका के साथ व्यापार के लिए कितना टैरिफ देना होगा।”
भारत के वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वाशिंगटन में बातचीत बढ़ाई है। अमेरिका भारत से कृषि, दवाइयों, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में बाजार पहुंच चाहता है, जबकि भारत स्टील और एल्यूमीनियम पर 25% टैरिफ हटाने की मांग कर रहा है। ट्रम्प ने भारत को “उच्च टैरिफ वाला देश” कहा, लेकिन संकेत दिया कि समझौता संभव है।
ट्रम्प ने कहा, “भारत अब बाजार खोलने को तैयार है। हम कम टैरिफ के साथ समझौता करेंगे, ताकि अमेरिकी कंपनियां प्रतिस्पर्धा कर सकें।” अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लट्निक ने पुष्टि की कि भारत के साथ समझौता जल्द हो सकता है। भारत का अमेरिका के साथ 2024 में 45.7 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष था, जो ट्रम्प के लिए चिंता का विषय है।
कृषि में जीएम मक्का और सोयाबीन आयात पर भारत के प्रतिबंध विवाद का केंद्र हैं। भारत ने पहले बॉर्बन व्हिस्की और मोटरबाइक पर ड्यूटी कम की थी। यदि समझौता नहीं हुआ, तो भारत पर 27% टैरिफ लग सकता है, जो वर्तमान 10% से ज्यादा है। ट्रम्प ने कहा, “हम सभी के साथ समझौता नहीं करेंगे। कुछ देशों को सिर्फ पत्र मिलेगा।” यह कदम भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन व्यापार वार्ता में प्रगति इसे कम कर सकती है।