महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के 19 जुलाई 2025 को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में सोफिटेल होटल में एक ही समय पर मौजूद होने ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं के एक साथ तीन घंटे तक होटल में रहने की खबर ने गठबंधन की अटकलों को हवा दी, हालांकि दोनों पक्षों ने किसी मुलाकात से इनकार किया। बीजेपी सूत्रों और शिवसेना (यूबीटी) के बयानों के अनुसार, फडणवीस और आदित्य अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए वहां थे। फडणवीस एक निजी आयोजन में शामिल थे, जबकि आदित्य दोस्तों के साथ थे। दोनों के अलग-अलग गेट से निकलने से रहस्य और गहरा गया।
यह घटना उद्धव ठाकरे और फडणवीस की हाल की मुलाकातों की पृष्ठभूमि में हुई। 17 जुलाई को उद्धव ने आदित्य के साथ विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में फडणवीस से 20 मिनट की मुलाकात की थी, जिसे आदित्य ने मराठी भाषा के मुद्दों पर चर्चा बताया। यह मुलाकात फडणवीस के 16 जुलाई के उस मजाकिया प्रस्ताव के बाद हुई, जिसमें उन्होंने उद्धव को सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। फडणवीस ने कहा था, "उद्धव जी, 2029 तक हम विपक्ष में जाने वाले नहीं हैं, लेकिन आप हमारे साथ आ सकते हैं।" उद्धव ने इसे मजाक बताकर खारिज किया, लेकिन इन घटनाओं ने बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) के बीच संभावित सुलह की चर्चा को तेज कर दिया।
इसके साथ ही, उद्धव और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच 20 साल बाद सुलह ने भी अटकलों को बल दिया। 5 जुलाई को दोनों ने मराठी गौरव के लिए मुंबई में एक संयुक्त रैली में हिस्सा लिया, जहां राज ने फडणवीस को इस एकता का श्रेय दिया। यह रैली महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने के फैसले को वापस लेने की जीत के रूप में आयोजित की गई थी। हालांकि, राज ने बाद में शिवसेना (यूबीटी) के साथ औपचारिक गठबंधन की बात को खारिज किया।
ये मुलाकातें आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जहां शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस की एकता या बीजेपी के साथ सुलह से समीकरण बदल सकते हैं। फडणवीस ने 19 जुलाई को अपनी स्थिरता पर जोर देते हुए कहा, "हम स्थिर हैं," और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ एकजुटता दिखाई।