रविवार को भीम आर्मी के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए विशाल प्रदर्शन के बाद मायावती के सहारनपुर दौरे से सूबे की राजनीति में नई हलचल पैदा हो सकता है। रविवार को जंतर-मंतर पहुंचे भीम आर्मी के चर्चित नेता चंद्रशेखर ने कहा था कि वह अपनी बात लोगों तक पहुंचाना चाहते थे, इसलिए सरेंडर नहीं किया था। वह जल्द ही सरेंडर कर देंगे।
इससे पहले चंद्रशेखर ने एक वीडियो जारी कर सभी अंबेडकरवादियों को इस रैली में शामिल होने का न्योता दिया है। रविवार को जंतर-मंतर पर जुटे लोगों में विभिन्न दलित संगठनों और भीम आर्मी के समर्थकों के अलावा वामपंथी संगठनों से जुड़े लोगों की तादाद भी अच्छी खासी थी। गुजरात के युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी भी इस दौरान मौजूद थे।
सहारनपुर में पांच मई के बाद हुई हिंसक घटनओं को लेकर पुलिस ने कुल 24 एफआईआर दर्ज की हैं। गत 9 मई को सहारनपुर में हुई तोड़फोड़ और आगजनी में कथित भूमिका लेकर चंद्रशेखर को भी नामजद किया गया है। कल वह जैसे ही जंतर-मंतर पर पहुंचे, उनके समर्थन में जोरदार नारेबाजी हुई। इस दौरान सांप्रदायिकता और भगवा आतंकवाद से आजादी के नारे भी लगे।
गत 5 मई को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप जयंती पर शोभायात्रा को लेकर दो समुदायों के बीच हुए पथराव में एक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद दबंगों ने दलितों के दर्जनों घर जला दिए गए थे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भीम आर्मी ने 9 मई को सहारनपुर में महापंचायत बुलाई, जिसकी प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। इस दौरान पुलिस के साथ जमकर टकराव, तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं हुईं। इस मामले में पुलिस भीम आर्मी से जुड़े कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर उनकी धरपकड़ तेज कर दी है। चंद्रशेखर भी तभी से फरार हैं।
जंतर-मंतर हुआ नीला
रविवार सुबह से ही जंतर-मंतर पर दूर-दूर से दलित कार्यकर्ताओं के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। प्रदर्शन में शामिल हुए बहुत से लोग भीम आर्मी या द ग्रेट चमार लिखी नीली टोपी पहने हुए थे। कई युवा भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण का मुखौटा लगाए हुए थे।
क्या है मांग
जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन करने वाले दलित संगठनों और भीम आर्मी के समर्थकों की मांग है कि सहारनपुर में दलितों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, दलित कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी रोकी जाए।
विनय रतन सिंह को भीम आर्मी की कमान
चंद्रशेखर ने पुलिस पर जान-बूझकर दलितों को इस मामले में फंसाने का आरोप लगाया है। चंद्रशेखर ने कहा कि उनके सरेंडर करने की स्थिति में भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह को नेतृत्व सौंपा गया है। चंद्रशेखर ने कड़ी धूप में तकरीबन 20 मिनट तक भाषण दिया। गर्मी के कारण ही वह भाषण देते हुए बेहोश भी हो गए।