12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच का प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि AAIB की यह रिपोर्ट केवल प्रारंभिक है और इसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, "हमें अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार करना चाहिए।" यह हादसा अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद हुआ, जिसमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए, साथ ही ज़मीन पर 19 लोगों की भी मौत हुई। केवल एक यात्री, भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश, जीवित बचे।
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान के तीन सेकंड बाद दोनों इंजनों का ईंधन आपूर्ति स्विच "RUN" से "CUTOFF" स्थिति में चला गया, जिसके कारण इंजनों की शक्ति बंद हो गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह मानवीय त्रुटि, यांत्रिक खराबी, या इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ी के कारण हुआ। पायलटों ने उड़ान के दौरान मेडे कॉल किया था, लेकिन विमान को बचाने का समय नहीं मिला।
मंत्री नायडू ने कहा कि AAIB की जांच स्वतंत्र है और सरकार इसका समर्थन कर रही है। उन्होंने भारत के पायलटों और चालक दल को विश्व के सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि अंतिम निष्कर्षों तक इंतज़ार करना चाहिए। दूसरी ओर, केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर कुछ भी ठोस कहना सही नहीं होगा। जांच में संभावित तोड़फोड़ (sabotage) का पहलू भी शामिल है, जैसा कि कुछ X पोस्ट्स में उल्लेख किया गया है।
इस हादसे में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर शामिल था, जो 2014 से एयर इंडिया के बेड़े में था। बोइंग और GE Aerospace ने जांच में सहयोग की बात कही है। गुजरात सरकार ने DNA विश्लेषण के बाद मृतकों की पहचान कर उनके परिजनों को शव सौंपे। यह भारत के सबसे घातक विमान हादसों में से एक है, और जांच का अंतिम परिणाम आने पर ही कारण स्पष्ट होंगे।