भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ, एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के नए फुटेज और अहम जानकारियां साझा कीं। यह सैन्य कार्रवाई मई में पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए की गई थी। यह जवाबी हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
एनडीटीवी डिफेंस समिट में बोलते हुए एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने 50 से कम हथियारों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को बातचीत के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा, “हमारे लिए मुख्य सीख यही है कि 50 से कम हथियारों से हम संघर्ष समाप्त करने में सक्षम हुए।”
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि यह पहली बार है जब ऑपरेशन सिंदूर पर सार्वजनिक मंच से वायुसेना की ओर से विस्तार से बात की जा रही है। पहलगाम हमले के अगले ही दिन तीनों सेनाओं ने अपने-अपने मुख्यालयों में बैठक की और जवाबी कार्रवाई की संभावित योजनाएं बनाई। 24 अप्रैल को उच्चस्तरीय टीम को ऑपरेशनल विकल्प प्रस्तुत किए गए। इसके बाद 29 अप्रैल से टारगेट तय कर रणनीतिक तैयारी शुरू हो गई और 5 मई को हमले की तारीख और समय निर्धारित किया गया।
भारतीय वायुसेना ने 6 और 7 मई की सुबह तथा 9 मई को पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने कड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर पलटवार किया।
एयर मार्शल तिवारी ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से तीन स्पष्ट निर्देश दिए गए थे—जवाब मजबूत और स्पष्ट होना चाहिए, संदेश ऐसा होना चाहिए जो भविष्य में निवारक साबित हो, और सेनाओं को पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता दी गई थी।
अंततः 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ और चार दिन तक चले ड्रोन व मिसाइल हमलों के बाद यह संघर्ष समाप्त हो गया।