केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक दिन पहले मंजूरी दी थी। यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 26 मई को की गई सिफारिश के बाद पूरी हुई। नए नियुक्त न्यायाधीश हैं- कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजारिया, गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए.एस. चंदुरकर। इनकी शपथ शुक्रवार सुबह भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई द्वारा दिलाई जाएगी।
कानून मंत्रालय ने गुरुवार दोपहर यह अधिसूचना जारी की, जिसमें इन नियुक्तियों की पुष्टि की गई। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी घोषणा करते हुए कहा, "भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से इन तीनों न्यायाधीशों की नियुक्ति की है।" इन नियुक्तियों से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 34 हो जाएगी, जो स्वीकृत संख्या के करीब है।
कॉलेजियम ने इन नामों की सिफारिश करते समय उनके अनुभव, निष्पक्षता और कानूनी विशेषज्ञता को ध्यान में रखा। यह कदम न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने और लंबित मामलों के बोझ को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन नियुक्तियों से सुप्रीम कोर्ट की कार्यक्षमता में और सुधार की उम्मीद है, क्योंकि यह देश का सर्वोच्च न्यायिक संस्थान है, जो संवैधानिक और कानूनी मामलों में अंतिम निर्णय लेता है।
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ 14 सवाल उठाए थे, जिसमें राज्य विधेयकों पर समयबद्ध निर्णय लेने की बात कही गई थी।