दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा शुल्क में अनियमित और अधिक वृद्धि पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ाने के साथ ही कार्रवाई शुरू की है।
शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने शनिवार को एक बयान जारी करके इस मुद्दे को ‘परिवारों के लिए पुराना और बेहद परेशान करने वाला’ मामला बताया खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए। शिक्षा निदेशालय ने कहा कि यह मामला कई वर्षों से जांच के दायरे में था।
कोविड-19 के बाद की अवधि में यह समस्या काफी बढ़ गई जब वार्षिक शुल्क में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की रिपोर्ट सामने आई।
शिक्षा निदेशालय ने कहा, ‘‘कई अभिभावकों ने स्कूलों द्वारा जबरदस्ती करने का भी आरोप लगाया है, जिसमें बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रवेशपत्र देने से इनकार करना और अनधिकृत शुल्क का भुगतान न करने पर छात्रों के नाम काटने की धमकी देना शामिल है।’’
इन लगातार शिकायतों पर ध्यान देते हुए शिक्षा निदेशालय ने कहा कि उसने निजी स्कूलों की निगरानी बढ़ाने के साथ ही व्यापक कार्रवाई शुरू की है।