ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के हालिया पहलगाम प्रस्ताव में तहरीक-ए-रहबरी-ए-फलस्तीन (TRF) को शामिल न करने पर पाकिस्तान की आलोचना की है। ओवैसी ने कहा कि चीन के समर्थन के बिना पाकिस्तान 'लंगड़ा' है और उसकी वैश्विक मंच पर कोई हैसियत नहीं है।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, UNSC ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का नाम लिया गया, लेकिन TRF का उल्लेख नहीं था। ओवैसी ने इस पर तंज कसते हुए कहा, "पाकिस्तान अपनी कठपुतली TRF को UNSC के प्रस्ताव में शामिल करवाने में नाकाम रहा। यह दिखाता है कि चीन के बिना उसकी कोई ताकत नहीं है।"
पहलगाम में 2 जून 2025 को हुए आतंकी हमले में 7 लोग मारे गए थे और 12 घायल हुए थे। भारत ने इस हमले के लिए TRF को जिम्मेदार ठहराया था, जिसे पाकिस्तान समर्थित माना जाता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने UNSC में TRF को शामिल करने की मांग की थी, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया।
ओवैसी ने आगे कहा, "पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है, लेकिन जब वैश्विक मंच पर उसकी पोल खुलती है, तो वह बेबस हो जाता है।" उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह TRF और इसके समर्थकों के खिलाफ कड़े कदम उठाए।