जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के पश्चात आज मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की।
• महाराष्ट्र में एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
Maharashtra to vote in a single phase on 20th November. Counting of votes on 23rd November.#MaharashtraElection2024 pic.twitter.com/U48nySwK41
— ANI (@ANI) October 15, 2024
• झारखंड में दो चरणों में मतदान होगा - 13 नवंबर और 20 नवंबर को। मतगणना 23 नवंबर को होगी।
Jharkhand to vote in two phases - on 13th November and 20th November. Counting of votes on 23rd November.#JharkhandElection2024 pic.twitter.com/JlCJRgHLD2
— ANI (@ANI) October 15, 2024
इसके अलावा चुनाव आयोग ने केरल में 47 विधानसभा क्षेत्रों और 1 संसदीय क्षेत्र (वायनाड) के लिए उपचुनाव का ऐलान किया, जो 13 नवंबर को होंगे। वहीं, उत्तराखंड में एक विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव 20 नवंबर को होंगे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक संसदीय क्षेत्र (नांदेड़) के लिए उपचुनाव 20 नवंबर को होना तय हुआ है, जबकि 23 नवंबर को मतगणना एक साथ ही की जाएगी।
Bye Elections to 47 Assembly Constituencies & 1 Parliamentary Constituency (Wayanad) in Kerala on 13th Nov
Bye Polls to 1 Assembly Constituency in Uttarakhand on 20th Nov
Bye Elections to 1 Parliamentary Constituency (Nanded) in Maharashtra on 20th Nov
Counting on 23rd Nov pic.twitter.com/NCxkneYL4X
— ANI (@ANI) October 15, 2024
बहरहाल, मुख्य चुनाव आयुक्त ने सबसे पहले जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव सही ढंग से होने के लिए वहां के मतदाताओं को बधाई दी।
उन्होंने कहा, "सबसे पहले मैं हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को मतदान में उनकी सशक्त भागीदारी के लिए बधाई देना चाहता हूं। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र के उत्सव को ऐतिहासिक बना दिया। उन्होंने बड़ी संख्या में भाग लिया, अपने मताधिकार का अच्छे से इस्तेमाल किया और लोकतंत्र की मजबूत नींव रखी। इन चुनावों में जो जज्बा दिखा, उसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकसभा चुनाव में जो नींव रखी, विधानसभा चुनाव में उस पर एक मजबूत इमारत देखने को मिली। इस जनादेश ने नई उम्मीदें जगाई हैं। अब इस लोकतांत्रिक यात्रा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर के लोगों की है।"