भारत ने शुक्रवार को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए सभी तरह के आतंकवाद के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ का दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कजाकिस्तान के अस्ताना में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में इस संबंध में भारत का दृष्टिकोण सामने रखा।
रक्षा मंत्रियों ने एक बयान में कहा, ‘‘बैठक के दौरान, सभी एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों द्वारा एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक के बाद एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें एससीओ के रक्षा मंत्रियों ने अन्य पहलों के अलावा, 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य' के विचार को विकसित करने पर सहमति व्यक्त की जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के प्राचीन भारतीय दर्शन में निहित है।’’
इसमें कहा गया कि बैठक के दौरान रक्षा सचिव ने एससीओ क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने एससीओ सदस्य देशों की समृद्धि और विकास के लिए सभी तरह के आतंकवाद के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ का दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अरमाने ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद संबंधी समग्र संधि के भारत के दीर्घकालिक प्रस्ताव का उल्लेख किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (एसएजीएआर) की भारत द्वारा प्रस्तावित अवधारणा पर भी प्रकाश डाला।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    