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लंदन भारतीय उच्चायोग पर अटैक मामला, अटारी बॉर्डर पर दबोचा गया हमलावर, कैसे?

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर पिछले साल मार्च में हुए हमले के मामले...
लंदन भारतीय उच्चायोग पर अटैक मामला, अटारी बॉर्डर पर दबोचा गया हमलावर, कैसे?

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर पिछले साल मार्च में हुए हमले के मामले में बृहस्पतिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसे पिछले साल पाकिस्तान से भारत में घुसते समय अटारी सीमा पर हिरासत में लिया गया था।

अधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि पश्चिमी लंदन के हाउंस्लो में रहने वाले इंद्रपाल सिंह गाबा को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13(1), राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा दो और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34 के तहत किए गए अपराधों के सिलसिले में बृहस्पतिवार को भारत में गिरफ्तार किया गया।

हमलों के बाद एनआईए द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार, लंदन में इंडिया हाउस के सामने 19 और 22 मार्च, 2023 को दो बड़े हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने 19 मार्च को भारतीय अधिकारियों पर हमला किया, उच्चायोग की इमारत को नुकसान पहुंचाया और भारतीय राष्ट्रध्वज का अपमान किया।

रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 22 मार्च को भारत विरोधी नारे लगाए, भारतीय राष्ट्रध्वज का फिर से अपमान किया और गैरकानूनी व्यवहार किया एवं धमकियां दीं।

सूत्रों ने बताया कि जांच के तहत कई संदिग्धों से पूछताछ की गई और पंजाब एवं राजस्थान में 31 स्थानों पर तलाशी लेने के बाद जब्ती की गई। सूत्रों ने बताया कि एनआईए की एक जांच टीम ने लंदन का दौरा भी किया था।

इंद्रपाल सिंह गाबा समेत कई संदिग्धों के खिलाफ एलओसी (लुक आउट सर्कुलर) जारी किया था। गाबा को नौ दिसंबर, 2023 को अटारी सीमा पर उस समय हिरासत में लिया गया था जब वह पाकिस्तान से भारत में घुसा था। जांच के तहत उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया था और डेटा निकालकर उसका विश्लेषण किया गया था।

पिछले साल मार्च में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले को ब्रिटिश संसद में कई बार उठाया गया और तब से लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर मेट्रोपॉलिटन पुलिस की सुरक्षा रहती है। एनआईए ने पिछले साल जून में पांच वीडियो जारी किए थे और हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों की पहचान करने के लिए आम जनता से मदद मांगी थी।

एनआईए का एक दल मामले संबंधी जानकारी एकत्र करने के लिए लंदन आया था और उसने स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों से बातचीत की थी।

 

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