पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। विपक्ष के नेता और बीजेपी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर कूचबिहार में हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने न सिर्फ पथराव किया, बल्कि वाहन में तोड़फोड़ भी की। घटना के वक्त शुभेंदु अधिकारी एक राजनीतिक कार्यक्रम के सिलसिले में इलाके में पहुंचे थे। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यह हमला टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने किया है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
घटना के बाद अधिकारी ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और विपक्ष की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है। शुभेंदु अधिकारी ने यह भी दावा किया कि उन पर जानलेवा हमला करने की मंशा थी। हमले की खबर सामने आने के बाद बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी घटना की कड़ी निंदा की है और इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
घटना के विरोध में बीजेपी ने कूचबिहार में प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बीजेपी का कहना है कि जब राज्य के नेता ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना कैसे की जा सकती है।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब राज्य में पंचायत चुनावों के बाद राजनीतिक माहौल पहले से ही तनावपूर्ण बना हुआ है। शुभेंदु अधिकारी, जिन्होंने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराकर चर्चा बटोरी थी, लगातार टीएमसी के खिलाफ मुखर रहे हैं। ऐसे में यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि राजनीतिक विचारधारा पर हमला माना जा रहा है।
घटना ने एक बार फिर बंगाल की राजनीति में हिंसा की पुरानी परंपरा को उजागर कर दिया है। राज्य की राजनीति लंबे समय से आरोप-प्रत्यारोप, हिंसा और बदले की कार्रवाइयों से घिरी रही है। यह हमला उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
बीजेपी इस घटना को लेकर अब राज्यपाल और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर सकती है। वहीं ममता सरकार पर दबाव बढ़ सकता है कि वह राजनीतिक हिंसा पर नियंत्रण करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।