महाराष्ट्र के पालघर जिले में 12 जुलाई 2025 को एक प्रवासी ऑटो चालक की सरेआम पिटाई का मामला सामने आया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने चालक को इसलिए थप्पड़ मारे, क्योंकि उसने मराठी बोलने से इनकार कर दिया था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने राज्य में भाषा विवाद को और हवा दी।
वायरल वीडियो में ऑटो चालक को विरार रेलवे स्टेशन के पास भीड़ भरी सड़क पर कार्यकर्ताओं द्वारा थप्पड़ मारते और अपमानित करते देखा जा सकता है। चालक ने पहले एक अन्य प्रवासी, भवेश पडोलिया, से बहस की थी, जिसमें उसने कहा था, "मैं हिंदी और भोजपुरी बोलूंगा, मराठी नहीं।" इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद शिवसेना (UBT) और MNS कार्यकर्ताओं ने चालक को ढूंढकर उससे मारपीट की और मराठी में नारे लगवाने के साथ-साथ माफी मांगने को मजबूर किया।
शिवसेना (UBT) के विरार शहर प्रमुख उदय जाधव, जो घटनास्थल पर मौजूद थे, ने इस कार्रवाई का बचाव किया। उन्होंने कहा, "जो कोई मराठी भाषा, महाराष्ट्र या मराठी मानुष का अपमान करेगा, उसे शिवसेना शैली में जवाब मिलेगा। हम चुप नहीं रहेंगे।" जाधव ने दावा किया कि चालक ने मराठी संस्कृति और प्रतीकों का अपमान किया था। चालक को एक व्यक्ति और उसकी बहन से भी माफी मांगने को कहा गया, जिनके साथ उसने पहले कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था।
पुलिस ने पुष्टि की कि घटना शनिवार को हुई, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने वायरल वीडियो देखा है और तथ्यों की जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली।" यह घटना महाराष्ट्र में भाषा को लेकर चल रही तनातनी का हिस्सा है। इससे पहले 1 जुलाई को ठाणे के भायंदर में MNS कार्यकर्ताओं ने एक खाद्य स्टॉल मालिक को मराठी न बोलने पर थप्पड़ मारा था, जिसके बाद सात कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।