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हाईकोर्ट का फटकार, "महाराष्ट्र सरकार अदालत के आदेश के बाद ही जगती है"

महाराष्ट्र सरकार की ओर से मई 2024 तक अग्नि सुरक्षा नियमों एवं विनियमों की अधिसूचना जारी किये जाने की...
हाईकोर्ट का फटकार,

महाराष्ट्र सरकार की ओर से मई 2024 तक अग्नि सुरक्षा नियमों एवं विनियमों की अधिसूचना जारी किये जाने की जानकारी मिलने के बाद बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि जब तक अदालत ने आदेश नहीं दिया तब तक राज्य सरकार ने न तो कोई कदम उठाया और न ही उसकी नींद खुली।

उच्च न्यायालय ने विशेषज्ञ समिति द्वारा इस साल फरवरी में रिपोर्ट सौंप दिये जाने के बाद भी अग्नि सुरक्षा नियम एवं विनियम को लागू करने में हीलाहवाली करने को लेकर इस सप्ताह के प्रारंभ में राज्य सरकार को फटकार लगायी थी। अदालत ने राज्य के शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव से यह समय सीमा बताने को कहा था कि कबतक अधिसूचना जारी की जाएगी।

शुक्रवार को अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ से कहा कि मई 2024 तक निर्देशत प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। यह बयान स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि यदि सरकार ने फरवरी में ही समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई की होती हो तो अबतक अधिसूचना जारी भी हो गयी होती।

पीठ ने कहा, ‘‘ समिति द्वारा सिफारिश करने के बाद सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया और कुछ नहीं किया । जब अदालत ने आदेश दिया, तभी जाकर आपकी नींद खुली।’’ उच्च न्यायालय ने समयसीमा का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया।

उच्च न्यायालय वकील आभा सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। आभा सिंह ने उन भवनों के लिए 2009 के विशेष नियम एवं विनियम मसौदे को लागू करने की मांग करते हुए 2019 में यह याचिका दायर की थी जिनपर इंसान की वजह से हादसों की खतरा होता है।

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