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दिल्ली में स्कूल फीस को लेकर बड़ा कदम: सरकार ने पारित किया मसौदा विधेयक, मनमानी पर लगेगी लगाम

दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए फीस निर्धारण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश...
दिल्ली में स्कूल फीस को लेकर बड़ा कदम: सरकार ने पारित किया मसौदा विधेयक, मनमानी पर लगेगी लगाम

दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए फीस निर्धारण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश तय करने हेतु एक मसौदा विधेयक पारित किया है। यह विधेयक मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूर किया गया। इसका उद्देश्य स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से की जा रही फीस वृद्धि पर अंकुश लगाना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधेयक की घोषणा करते हुए कहा, “अब स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। हमने कुछ स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। फीस को पारदर्शी रूप से नियंत्रित किया जाएगा।”

यह पहल तब की गई जब अभिभावकों के बीच बढ़ती फीस को लेकर चिंता और असंतोष का माहौल बना हुआ था। कई अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन समितियों पर लापरवाही और कुप्रबंधन के आरोप लगाए, जो कि इस तरह की समस्याओं के समाधान के लिए जिम्मेदार होती हैं।

इन शिकायतों के मद्देनज़र शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में दिल्ली के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की मौजूदा स्कूल प्रबंधन समितियों को भंग करने का निर्णय लिया। नई समितियों के गठन के लिए 9 मई को चुनाव कराए जाएंगे। यह चुनाव स्कूल स्तर पर गठित एक समिति की देखरेख में होगा। जिसकी अध्यक्षता स्कूल प्रमुख करेंगे और एक शिक्षक संयोजक के रूप में कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “मुझे बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसी निर्णय लिया है। आज कैबिनेट में यह मसौदा विधेयक पारित किया गया है। दिल्ली के सभी 1677 स्कूलों (चाहे वे निजी, सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त या किसी भी अन्य प्रकार के हों) में अब फीस निर्धारण के लिए एक एकीकृत और ठोस प्रक्रिया लागू की जाएगी।

फीस वृद्धि संबंधी शिकायतों की जांच के लिए इस महीने की शुरुआत में उप मंडल मजिस्ट्रेटों (SDM) की अध्यक्षता में जांच समितियों का गठन भी किया गया है। इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने शिकायतों के निवारण के लिए एक आधिकारिक ईमेल पता ([email protected]) भी शुरू किया है, जहां अभिभावक अपनी शिकायतें भेज सकते हैं। साथ ही वे संबंधित शिक्षा विभाग के कार्यालयों में जाकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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