24 अप्रैल 2025 को बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर देश का दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, "पीड़ित परिवार के साथ पूरा देश दुखी है। पूरा देश आतंकी हमला से स्तब्ध है। जो लोग घायल हैं, वो जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस हमले में किसी ने भाई, बहन और साथी खोया है। इस हमले वालों में से कोई मराठी, बंगाली, तमिल बोलता था। कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश दुखी है। ये हमला सिर्फ इन लोगों पर नहीं, बल्कि देश की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है।"
पीएम ने आगे कहा, "मैं साफ शब्दों में कह रहा हूँ कि इस हमले की साजिश करने वालों और आतंकियों को इनकी कल्पना से ज्यादा विभत्स सजा मिलेगी। आतंकवादियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति, आतंक के आकाओं की कमर तोड़ कर रहेगी।"
उन्होंने कहा, "मैं आज बिहार की भूमि से पूरे विश्व को कहता हूँ कि भारत हरेक आतंकी और उनके समर्थन करने वालों को पहचानकर खत्म करेगा। आतंकवादी बिना पनिशमेंट के नहीं जाएंगे। सभी लोग जो मानवता में विश्वास करते हैं, वो हमारे साथ हैं। शांति और सुरक्षा विकास की जरूरी शर्त हैं।"
बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया। दोपहर 2:45 बजे, जब पर्यटक घुड़सवारी और प्रकृति का आनंद ले रहे थे, चार आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में 27 लोगों की जान चली गई, जिनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, यूएई और नेपाल के पर्यटक शामिल थे। 20 से अधिक लोग घायल हुए।
लश्कर-ए-तैयबा के विंग 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने हमले की जिम्मेदारी ली। खुफिया सूत्रों के अनुसार, दो स्थानीय और दो पाकिस्तानी आतंकी, जो बॉडीकैम और एके-47 से लैस थे, इसमें शामिल थे। आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछकर गोली मारी, जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता पर हमले की आशंका गहरा गई।
पाकिस्तान की इस हमले में भूमिका साफ है। खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की कि हमले को पाकिस्तानी आतंकियों और स्थानीय सहयोगियों ने अंजाम दिया। कुछ दिन पहले, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कश्मीर को "पाकिस्तान की गले की नस" बताते हुए हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने वाला बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कश्मीरी भाइयों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा और कश्मीर को भारत से अलग करना उनकी नीति है। भारत ने इसे खारिज किया, लेकिन पहलगाम हमले ने पाकिस्तान की आतंकी मशीनरी को बेनकाब कर दिया।
हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने सिंधु जल समझौते पर रोक, अटारी बॉर्डर बंद करने और पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया। पाकिस्तान में खलबली मच गई। वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सर्जिकल स्ट्राइक न करने की अपील की, लेकिन मुनीर के बयान पर उनके अपने विश्लेषकों ने सवाल उठाए। पहलगाम की त्रासदी ने देश को एकजुट कर दिया है। मोदी का संदेश साफ है—आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा, और 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति आतंक के आकाओं को नेस्तनाबूद कर देगी।