बिहार में साल 2021 शहरीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। प्रदेश में लगभग डेढ़ सौ नए शहर गुलजार होंगे। यह नए शहर बिहार में विकास नई गति देंगे। हिंदुस्तान के मुताबिक, बिहार कैबिनेट में नए शहरी निकायों के गठन को स्वीकृति दी जा चुकी है। अब उन्हें जमीनी आकार देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक बिहार में शहरीकरण का आंकड़ा अभी तक केवल 11.27 फीसदी था। जो देश में सबसे कम है। राष्ट्रीय औसत 31.16 फीसदी है। नए शहरों के आकार लेने से राज्य में शहरीकरण लगभग 20 प्रतिशत हो जाएगा। निकाय बनने पर राज्य में शहरी इलाकों का विस्तार होगा। उन क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आएगी। राज्य सरकार के साथ ही केंद्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ इन शहरों को मिलेगा।
राज्य सरकार ने लंबे वक्त बाद बड़े पैमाने पर ग्राम पंचायतों को विघटित कर नए शहरों के गठन को स्वीकृति दी है। 117 नए नगर पंचायत हैं। जबकि 8 ग्राम पंचायतों को सीधे नगर परिषद बना दिया गया है। राज्य में नगर निगमों की तादाद भी 12 से बढ़कर 18 हो गई हैं। नए शहरी निकाय बनने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति और तेज होगी। संबंधित क्षेत्रों में सुनियोजित ढंग से विकास होगा।
पानी, बिजली, सड़क, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, सफाई समेत अन्य सामुदायिक सुविधाओं की व्यवस्था बेहतर हो जाएगी।