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राजद नेता मनोज झा ने किरण रिजिजू पर जनता को गुमराह करने का लगाया आरोप, कहा ''सब कुछ पीएम के नियंत्रण में है"

राजद नेता मनोज झा ने रविवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।...
राजद नेता मनोज झा ने किरण रिजिजू पर जनता को गुमराह करने का लगाया आरोप, कहा  ''सब कुछ पीएम के नियंत्रण में है

राजद नेता मनोज झा ने रविवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा था।

झा ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का अधिकार कमजोर हो रहा है।उन्होंने कहा, "वह किसे बेवकूफ बना रहे हैं?...सबकुछ प्रधानमंत्री मोदी के नियंत्रण में है, एक भी एजेंसी में कार्रवाई करने का साहस नहीं है, जबकि उन्हें सच्चाई पता है...क्या आप ईडी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से अनजान हैं, कि आप एक राजनीतिक दल में बदल रहे हैं? आपका सिंहासन हिल रहा है, पूरे देश में आपके खिलाफ लहर उठ रही है...हमने कई मंत्रियों को देखा है जिन्हें आपने सालों, महीनों तक जेल में रखा और फिर वे बेदाग बाहर आ गए।"

इससे पहले एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट से कहा था कि प्रधानमंत्री को संविधान संशोधन विधेयक से बाहर रखा जाए, लेकिन वह इससे सहमत नहीं थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री को छूट देने से इनकार कर दिया।रिजिजू ने यह भी कहा कि देश के लोग संविधान संशोधन विधेयक के प्रावधानों का स्वागत कर रहे हैं और विपक्षी दल भी इसका स्वागत करते यदि उन्होंने "नैतिकता को केंद्र में रखा होता।"

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट से कहा कि प्रधानमंत्री को इस विधेयक से बाहर रखने की सिफ़ारिश की गई है, लेकिन वह इससे सहमत नहीं हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री को कोई छूट देने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री भी एक नागरिक हैं और उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए। ज़्यादातर मुख्यमंत्री हमारी पार्टी से हैं। अगर वे कुछ ग़लत करते हैं, तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा। नैतिकता का भी कुछ मतलब होना चाहिए। अगर विपक्ष ने नैतिकता को केंद्र में रखा होता, तो वे इस विधेयक का स्वागत करते।"

संविधान संशोधन विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्र या राज्य सरकार के किसी अन्य मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ़्तार या हिरासत में लिए जाने पर पद से हटाने का प्रावधान है। पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर के लिए इसी तरह के प्रावधानों वाले दो और विधेयक भी लोकसभा में पेश किए गए। एक संयुक्त संसदीय समिति इन तीनों विधेयकों की जाँच करेगी। विपक्षी दलों ने इन विधेयकों का विरोध किया है।

 

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