बिहार में लगभग 300 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। दरअसल राज्य में गठित होने वाली नई ग्राम पंचायतों में इस बार आरक्षण की स्थिति क्या होगी, इसको लेकर पंचायती राज विभाग में विचार विमर्श शुरू हो गया है। अप्रैल-मई में ग्राम पंचायत चुनाव होने हैं। ऐसे में नयी ग्राम पंचायतों में आरक्षण क्या होगा, इस पर जल्द फैसले लिये जाएंगे। पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। अभी मतदाता सूची पर काम हो रहा है।
हिंदुस्तान के मुताबिक,117 नये नगर निकायों के गठन और कइयों के विस्तार से लगभग 300 ग्राम पंचायतें अब नहीं रहेंगी। जबकि कुछ ग्राम पंचायतों का नये सिरे से गठन होगा, क्योंकि इन पंचायतों का ज्यादातर हिस्सा नगर निकाय में गया है, पूरा नहीं। पंचायती राज अधिनियम के मुताबिक किसी भी पंचायत-वार्ड में लगातार दो चुनावों के लिए आरक्षण लागू रहता है।
साल 2016 के पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण बदले गए थे। ऐसे में इसबार के चुनाव में पंचायतों के आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। पर, जो नई पंचायतें होंगी, केवल उनके लिए सरकार फैसला लेगी। इसके लिए क्या नियमावली होगी, यह तय किया जाएगा। इसके बाद सभी जिलों को विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। फिर उसीके अनुसार नयी पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे।