बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 39 हो गई है जबकि कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने अधिकारियों को कहा है कि गरीबों को न पकड़ें जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें। शराब बंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है।
मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा नहीं दिया जाएगा। इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जो शराब पिएगा वह मरेगा ही। मुआवजा देने जैसी कोई बात नहीं है।
बता दें कि बिहार के छपरा शराब कांड ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। इस मामले में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राज्य के सारण जिले में जहरीली शराब से गुरुवार सुबह 6 और लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 39 हो गई है। विभिन्न अस्पतालों में अभी 15 से 20 लोग और भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है।
जहरीली शराब से छपरा में 39 लोगों की मृत्यु पर बोल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जहरीली शराब से तो शुरू से लोग मरते हैं, जहरीली शराब से अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा ही। इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा।
उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं, इससे अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा। इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा।
वहीं, छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि ये बिहार का दुर्भाग्य है। बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती और जब सदन में कोई इसको उठाता है तो उससे ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता।
जानकारी के मुताबिक, जहरीली शराब पीने से सबसे अधिक मौत छपरा के मशरक इलाके में हुई है। यहां घर-घर तक शराब पहुंचाया जा रहा था। फोन करने पर सप्लायर शराब घर पहुंचा देता था। मोहल्लों में शराब बांटने वाला व्यक्ति भी शराब पीकर मर गया है। इस मामले में मशरक के थानेदार और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया गया है। मढौरा डीएसपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाही की अनुशंका की गई है।