मछली विवाद ने बिहार के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया है। 11 बच्चों के सिर से पिता का साया छीन गया है। पांच महिलाओं की मांग उजड़ गई है। मामला बीते महीने मार्च की 29 तारीख को मधुबनी के महमदपुर गांव में हुआ। जहां मौके पर ही दो लोगों की अंधाधुंध गोलीबारी में मौत हो गई जबकि तीन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। एक का इलाज डीएमसीएच दरभंगा में चल रहा है, जहां हालत नाजुक बनी हुई है। तीन बेटे को एक साथ खोने वाले पिता सुरेंद्र सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं। उनके तीन बेटे रणविजय सिंह, विरू सिंह और अमरेंद्र सिंह को अपराधियों ने होली के दिन गोली से भून दिया, जबकि उनके दिवंगत भाई तेज नारायण सिंह के बेटे और बीएसएफ के एएसआई राणा प्रताप सिंह, जो छुट्टी में घर आए हुए थे, अपराधियों की ताबड़तोड़ गोलीबारी में उनकी मौत हो गई। साथ ही महंथ रूद्र नारायण सिंह की भी गोलीकांड में मौत हो गई। ये पूरा वाकया दिनदहाड़े हुआ। आउटलुक से बातचीत में मधुबनी के डीएसपी अनिल कुमार सिंह कहते हैं, "मामले में अभी मुख्य नामजद आरोपी प्रवीण झा फरार है, जिसे पकड़ने के लिए कई स्तर पर टीम की नियुक्ति की गई है। उनके घर पर कुर्की जब्ती करने का इश्तेहार चस्पा कर दिया गया है। मामले की जांच स्पेशल टीम कर रही है। घटना में शामिल दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।"
दरअसल, ये पूरा मामला साल 2020 के अक्टूबर-नवंबर छठ-पूजा के दौरान शुरू हुआ था। आउटलुक से बातचीत में सुरेंद्र सिंह के भाई राम नारायण सिंह जो सेना से रिटायर्ड हैं। उनके बेटे मनोज कुमार सिंह जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में जंग लड़ रहे हैं। कहते हैं, "हमारे पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया गया। एक वर्दीधारी परिवार की ये दशा हो जाएगी, सपने में भी नहीं सोचा था। जानवरों की तरह हमारे बेटे और भतीजे को मौत के घाट उतार दिया गया।" राम नारायण सिंह आरोप लगाते हैं, "इसमें बेनीपट्टी विधायक विनोद नारायण झा और स्थानीय बेनीपट्टी थाना प्रभारी महेंद्र सिंह की मिलीभगत है। अपराधी प्रवीण झा को विधायक का संरक्षण प्राप्त है।" हालांकि, ये महमदपुर हरलाखी विधानसभा में आता है और यहां से विधायक सुधांशु शेखर हैं। आउटलुक ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया है।
(पीड़ित परिवार के लोग)
रोते हुए राम नारायण सिंह कहते हैं, "हमारे बच्चे मछली पालन का व्यवसाय करते थे। प्रवीण झा जबरदस्ती तालाब में मछली मारने के लिए आता था और शराब की बोतलों को उसी में फेंक देता था। छठ पूजा के दौरान इस बात पर कहासुनी हुई थी। जिसमें भतीजे और सुरेंद्र सिंह के सबसे बड़े बेटे संजय सिंह के पैर पर हमला किया गया था। इसके उलट संजय पर ही हरिजन एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया था। अभी तक वो जेल में ही है।"
पुलिस की मिलीभगत के आरोप को लेकर डीएसपी अरूण सिंह कहते हैं, " मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, कार्रवाई की जाएगी। संजय सिंह मामले में जो आवेदन आए थे, उसके आधार पर कार्रवाई हुई थी।"
घटना में मारे गए बीएसएफ जवान राणा प्रताप की चार बेटी और दो बेटे हैं। जिनमें से सिर्फ एक बेटी की शादी हो चुकी है जबकि अन्य नाबालिग हैं। वहीं, अमरेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी और डेढ़ साल का एक बेटा छोड़कर गए हैं। आउटलुक से राम नारायण सिंह कहते हैं, " ये पूरी तरह से सुनियोजित हमला था। सभी के हाथ में लाठी-डंडे, धारदार हथियार और बंदूक था। प्रवीण झा पर कई मामले पहले से दर्ज हैं यदि पुलिस पहले कदम उठाई होती तो ये दिन देखना न पड़ता। सिर्फ स्थानीय नेताओं के संरक्षण में अपराध पनप रहा है।"
मामले में नेताओं का पीड़िता के परिवार से मिलना और सांत्वना देना जारी है। लेकिन, नीतीश की चुप्पी कई सवाल फिर खड़े कर रहे हैं। अभी तक मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया है जबकि विपक्ष लगातार नीतीश को घेरने में लगी हुई है। आउटलुक से बातचीत में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं, "नीतीश से राज्य नहीं संभल रहा है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अब तो उनके मंत्री सवाल उठा रहे हैं। हर दिन नरसंहार हो रहा है।" दरअसल, बीजेपी विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने कहा है कि समय आ गया है जब पुलिस पैसे के लिए शराब पकड़ना छोड़कर अपराधियों को पकड़े। मालूम है कि बिहार में शराबबंदी है लेकिन हर दिन शराब पीने से बड़े पैमाने पर लोगों की मौत और पकड़े जाने की वारदात सामने आ रही है।