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बिहार: मोकामा में गोलीबारी मामले में वांछित पूर्व विधायक अनंत सिंह ने अदालत में आत्मसमर्पण किया

बिहार के मोकामा इलाके में गोलीबारी से जुड़े एक मामले में वांछित पूर्व विधायक अनंत सिंह ने शुक्रवार को...
बिहार: मोकामा में गोलीबारी मामले में वांछित पूर्व विधायक अनंत सिंह ने अदालत में आत्मसमर्पण किया

बिहार के मोकामा इलाके में गोलीबारी से जुड़े एक मामले में वांछित पूर्व विधायक अनंत सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ की एक अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “पूर्व विधायक सिंह ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें बेउर जेल भेज दिया गया।” उन्होंने बताया कि पटना के बाहरी इलाके मोकामा में हुई गोलीबारी की घटना के सिलसिले में पुलिस ने तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।

गोलीबारी की यह घटना बुधवार शाम को हुई थी, जब मोकामा में सिंह के काफिले को निशाना बनाया गया। सोनू-मोनू गिरोह ने सिंह के काफिले पर कथित तौर पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। जबाव में सिंह के समर्थकों ने भी गोलीबारी की। प्रत्यक्षदर्शियों ने दोनों पक्षों के बीच 60 से 70 गोलियां चलने का दावा किया। हालांकि, पुलिस का कहना है कि घटना के दौरान 16-17 गोलियां चलीं। इस घटना में सिंह को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। पुलिस ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में दो संदिग्धों-सोनू और रोशन को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक, सोनू-मोनू गिरोह ने शुक्रवार को मोकामा के पंचमहल थाना क्षेत्र के हमजा गांव के निवासी और गिरोह के पूर्व सहयोगी मुकेश सिंह को भी निशाना बनाया, जिसने अनंत सिंह से कथित तौर पर मदद मांगी थी।

कुमार ने बताया, “घटनास्थल से तीन कारतूस बरामद किए गए हैं। गोलीबारी मुकेश सिंह के घर के सामने हुई। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं और जांच जारी है।”

 ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह एक बाहुबली नेता हैं, जिन्होंने बिहार की मोकामा विधानसभा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व किया है। उनकी पत्नी और मोकामा की मौजूदा विधायक नीलम देवी हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गई थीं।

सिंह को 2018 में उनके पैतृक आवास से एके-47 राइफल, गोला-बारूद और दो हथगोले बरामद होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद जून 2020 में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि, अगस्त 2024 में पटना उच्च न्यायालय ने सिंह को मामले में बरी कर दिया था और जेल से उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश दिया था।

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