बिहार का एक मॉडल अब पूरे देश में लागू होगा। बिजली में कई मॉडल दे चुके बिहार के प्रीपेड मीटर को भी अब देश अपनाएगा। फिलहाल बिहार इकलौता राज्य हैं जहां स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा रहे हैं। बाकी राज्यों में पोस्टपेड स्मार्ट मीटर ही लगाए जा रहे हैं। सोमवार को आम बजट -2021 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के प्रीपेड मीटर को देशभर में अपनाने का ऐलान किया।
हिंदुस्तान की खबर के अनुसार राज्य स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर हुआ था। नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने ऊर्जा मंत्रालय की एजेंसी ईईएसएल से पांच अगस्त 2018 को इसके लिए डील की थी। इसके तहत 23.5 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला हुआ। इसमें शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता, हर घर नल का जल व कृषि उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने थे। इसके बाद इसको विस्तार देते हुए कैबिनेट ने 1 मार्च 2019 को राज्यभर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया।
बता दें कि बिहार में अभी एक करोड़ 62 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें 92 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता हैं। यानी व्यवसायिक और उद्योग श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या सिर्फ 8 फीसदी है। ऐसे में जब आम लोग बिजली का बिल तय वक्त पर जमा नहीं करते हैं तो कंपनी नुकसान में चली जाती है जिससे सरकार को हर साल हजारों करोड़ अनुदान के रूप में देना पड़ता है। प्रीपेड मीटर से कंपनी को हो रहा नुकसान खत्म हो सकता है।
वहीं स्मार्ट मीटर को मोबाइल के माध्यम से रिचार्ज कराया जा सकता है। बिहार बिजली स्मार्ट मीटर एप के माध्यम से अपने मोबाइल पर बिल की पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को बढ़ावा देने के लिए ही कंपनी ने तीन प्रतिशत छूट देने का भी निर्णय लिया गया है जो आगामी एक अप्रैल से प्रभावी होगी। मीटर में पैसा समाप्त होने पर एक दिन का समय मिलेगा। इसके बाद खुद-ब-खुद सुबह 10 से एक बजे के बीच बिजली कट जाएगी। मीटर रिचार्ज कराने पर बिजली खुद-ब-खुद जुड़ जाएगी।