बिहार में चार दिन पहले अपहरण किए गए 22 साल के पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट का शव शुक्रवार शाम सड़क किनारे जली अवस्था में मिला है। बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा एक स्थानीय न्यूज पोर्टल के साथ बतौर पत्रकार जुड़े हुए थे। अविनाश 'फर्जी' मेडिकल क्लिनिक को लेकर लिखे फेसबुक पोस्ट के दो दिन बाद लापता हो गए थे। अविनाश के काम की वजह से कुछ क्लिनिक बंद हो गए थे, जबकि कईयों पर भारी जुर्माना लगा था।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार अविनाश को आखिरी बार 9 नवंबर की रात 9.58 बजे अपने घर के करीब स्थित क्लिनिक के पास लगे सीसीटीवी में देखा गया था। वह गली के आगे सड़क पर घूम-घूम कर फोन पर बात कर रहे थे। उसके बाद उनका कोई पता नहीं चला।
जब वह सुबह घर पर नहीं मिले तो उनके परिजानों ने खोजबीन शुरू की। इस दौरान पता चला कि उसकी बाइक उसके क्लिनिक में ही है जहां वह खुद अपना काम करता था। क्लिनिक का दरवाजा भी खुला हुआ था और लैपटॉप भी ऑन था।
जब अविनाश का 10 नवंबर कर कोई भी पता नहीं चला तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। इसके बाद घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, जिसमें उसे 9.58 पर आखिरी बार देखा गया। इसके बाद परिजनों ने थाने को इसकी जानकारी दी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने उसका मोबाइल ट्रेस किया, तो बेनीपट्टी थाने से पश्चिम करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर बेतौना गांव में 10 तारीख की सुबह 9 बजे के करीब में अंतिम बार मोबाइल ऑन हुआ था, यह बताया गया। लेकिन, जब पुलिस वहां पहुंची तो उसे कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।
बता दें कि अविनाश झा ने दर्जनों फर्जी नर्सिंग होम पर परिवार व आरटीआई की मदद से लाखों का जुर्माना व कितनों को बंद करवा चुका है। इस दौरान उसे लगातार धमकी भी मिल रही थी। उसे कई बार लाखों का प्रलोभन भी दिया गया जिसे उसने कभी स्वीकार नहीं किया। अपनी रिपोर्टिंग के दौरान उन्हें कई धमकियां भी मिलीं और लाखों की रिश्वत के ऑफर मिले, लेकिन उन्हें काम करने से कोई भी नहीं रोक पाया।
जब अविनाश के लापता होने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। उसके बाद 12 नवंबर को अविनाश के चचेरे भाई बीजे विकास के नंबर पर उड़ेन गांव के एक युवक का कॉल आया। फोन पर उसे बताया गया कि गांव के पास हाईवे के निकट एक लाश मिली है, जिसके बाद प्रशासन के साथ कुछ परिजन मौके पर पहुंचे, जहां शव की पहचान की गई।
शव को जलाकर सड़क किनारे फेंक दिया गया था। शव की पहचान कर उसे रात में ही पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। इस घटना को लेकर इलाके के लोगों में काफी आक्रोश है।