उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। पीएम मोदी से लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी मजदूरों से बात की और उनका हालचाल जाना है। हालांकि, सुरंग से बाहर आए बिहार के एक श्रमिक ने शिकायत की है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उसका हाल जानने किसी अधिकारी को नहीं भेजा।
सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों में शामिल बिहार निवासी एक श्रमिक ने शिकायत की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के श्रमिकों के बारे में जानकारी लेने के लिए अपने अधिकारियों को मौके पर नहीं भेजा और न ही राज्य में उनके रिश्तेदारों से संपर्क ही किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में श्रमिकों से मिलने पहुंचे तब श्रमिक ने यह शिकायत की।
श्रमिक ने धामी से कहा, ‘‘सभी राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों के फंसे श्रमिकों की कुशलता जानने के लिए अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा था, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न तो किसी को भेजा और न ही हमारे घर पर हमारे परिजनों से सहानुभूति जताने के लिए संपर्क ही किया। मुझे नहीं पता कि हमने क्या गलती की थी।’’
सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए मजदूरों को हेलीकॉप्टर से बुधवार को ऋषिकेश एम्स लाया गया जहां उनका मेडिकल चेकअप हो रहा है। मजदूरों की हालत भी सामान्य बताई जा रही है। हालांकि, दो हफ्ते से ज्यादा वक्त तक सुरंग में फंसे रहने के कारण संभावित स्वास्थ्य परेशानियों के मद्देनजर उन्हें एम्स ऋषिकेश लाया गया है।
सुरंग में बचाव अभियान के सफल होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कई बड़े ऐलान किए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी 41 श्रमिकों को उत्तराखंड सरकार 1-1 लाख रुपये की राहत राशि देगी। इसके साथ ही वह इन श्रमिकों की कंपनियों से अनुरोध करेंगे कि इन्हें 15 या 30 दिन के लिए बिना तनख्वाह काटे अवकाश भी दिया जाए। इसके साथ ही बचाव अभियान में भाग लेने वाले सभी कर्मियों को भी 50 हजार रुपये देने की घोषणा हुई है।