बिहार में शराबबंदी के मामले को लेकर एनडीए सरकार दो हिस्सों में बंटी हुई नजर आ रही है। एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी कानून के खिलाफ खड़े हो गए हैं। अक्सर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गुणगान करते दिखने वाले हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी के सुर दिल्ली पहुंचते ही बदल गए हैं। उन्होंने शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबंदी ना के बराबर है। शराबबंदी के कारण जेल में बंद एक तिहाई हिस्सा गरीब का है।
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, दिल्ली पहुंचे मांझी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि बिहार में शराबबंदी ना के बराबार है। इसमें काफी पैसा खर्च हो रहा है। विषैले शराब के सेवन से लोग मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीब को कहा जा रहा है कि ये शराब पी रहे हैं। वहीं दूसरे लोग, जो खूब शराब पीते हैं, उन्हें कुछ नहीं कहा जा रहा है। शराब पीने के मामले में जो लोग जेल में हैं, उनमें एक तिहाई हिस्सा गरीब का है। उनके बाल-बच्चे आज बिलख रहे हैं।
हालांकि इस दौरान एक सवाल के जवाब में मांझी नीतीश की तारीफ करते भी नजर आए। उन्होंने कहा कि एनडीए में प्रधानमंत्री की वैकेंसी नहीं है। पर, ऐसा कोई समय आया तो नीतीश कुमार में देश चलाने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में भी एनडीए पूरी तरह एकजुट है। बिहार सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
वहीं, मांझी ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को अपनी फिक्र करनी चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा कि तेजस्वी को उनके संसदीय क्षेत्र में ही लोग काला झंडा दिखा रहे हैं और तेजस्वी यादव कह रहे हैं बिहार सरकार दो-तीन महीने में गिर जाएगी।