बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद जहां एनडीए गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा में जश्न का माहौल है। वहीं, राज्य में खुद को बड़े भाई के तौर पर प्रचारित कर रही जदयू में नतीजों को लेकर नाराजगी देखने के मिली। दरअसल, जदयू ने 2005 में राज्य में सत्ता में आने के बाद से 15 साल बाद इस चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन किया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि बिहार के अगले मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार उनकी पसंद बने हुए हैं, लेकिन नीतीश ने खुद सीएम पद के लिए अपनी "अनिच्छा" व्यक्त की है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी इंडियन एक्सप्रेस को दी।
हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने नीतीश को सीएम के रूप में बने रहने के लिए राजी कर लिया है और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार चलाने में उन्हें "पहले की तरह पूर्ण स्वतंत्रता" मिलेगी। इस बीच नीतीश कुमार ने बुधवार शाम को ट्वीट किया, "लोग सर्वोपरि हैं।" “मैं एनडीए को बहुमत देने के लिए लोगों का आभारी हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। ”
सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से चिराग पासवान और लोजपा ने जदयू को जो नुकसान पहुंचाया, उससे नीतीश कुमार काफी नाराज थे। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि नीती कुमार इस बात से काफी परेशान थे कि चिराग ने 25 से 30 सीटों पर जदयू के मौकों को खराब किया। एनडीए में अब भाजपा के बड़ी पार्टी होने के बावजूद हमने उन्हें सीएम रहने के लिए मना लिया है।
243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए 125 सीटों के साथ सबसे बड़ा गठबंधन है। इसमें भाजपा के खाते में 74, जदयू के पास 43 और वीआईपी-हम के पास 4-4 सीटें हैं।
जद(यू) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी में "सामान्य धारणा" है कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान चिराग पासवान के साथ प्रभावी ढंग से व्यवहार नहीं किया, जैसा उसे करना चाहिए था। इसके अलावा भाजपा और जदयू के कार्यकर्ताओं के साथ काम करने के तरीकों में भी कुछ कमी थी, जिसके चलते जदयू के कई मंत्रियों और विधायकों की हार हुई। जदयू के इसी नेता ने कहा कि लोजपा फैक्टर की वजह से उसके मंत्री जय कुमार सिंह (दिनारा), शैलेष कुमार (जमालपुर), कृष्णनंदन वर्मा (जेहानाबाद), रामसेवक सिंह (हथुआ), संतोष निराला (राजपुर) और खुरशीद आलम (सिकता) की हार हुई।
बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल, उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार शाम नीतीश कुमार से मुलाकात की। इसे एक शिष्टाचार भेंट बताया गया लेकिन कई जेडीयू नेता इसे बीजेपी की दिलेरी के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी नेता मायूस नीतीश का मनोबल बढ़ाने के लिए आए थे।