बिहार समाज कल्याण मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता मदन सहनी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। सहनी ने विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की बात कही है। दरअसल, मदन सहनी का कहना है कि उनके विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद की तानाशाही के सामने उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। वे कोई काम नहीं कर पा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि सहनी अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी प्रसाद से नाराज हैं क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर उनकी सिफारिशों की अवहेलना कर तबादला पोस्टिंग की फाइलों को दबा दिया। मंत्री पद को छोड़ने के लिए यह तत्काल उकसावे की बात हो सकती है, लेकिन पिछले 15 वर्षों से नीतीश के कार्यकाल के दौरान विभिन्न विभागों में मंत्रियों और सचिवों के बीच मतभेदों की खबरें आती रही हैं।
सहनी ने कहा, “मैं छह साल से मंत्री हूं लेकिन मैं अपने कार्यकाल के दौरान यह सब झेलता रहा हूं। अगर मैं राज्य के लोगों की सेवा करने में सक्षम नहीं हूं, तो मैं एक मंत्री के रूप में मुझे प्रदान किए गए बड़े बंगले और बड़ी कारों का क्या करूंगा। साथ ही उनका कहना है, अन्य मंत्री उनसे बेहतर स्थिति में नहीं हैं। “
दरभंगा से आने वाले जद(यू) नेता सहनी ने नीतीश के नेतृत्व वाले मंत्रालय को छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा करके और उनके जैसे मंत्रियों पर ध्यान न देने के लिए नौकरशाहों पर निशाना साधकर बहुत सारी समस्याएं खड़ी कर दी है। वे कहते हैं (अधिकारी), "वे बस हमारी बात नहीं सुनते, "सचिव की तो बात ही छोड़िए, चपरासी भी हमारी परवाह नहीं करते।"
कई सत्तारूढ़ गठबंधन नेताओं का कहना है कि नौकरशाह और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री के अलावा किसी को महत्व नहीं देते हैं। विपक्ष का आरोप है कि नीतीश जनप्रतिनिधियों की तुलना में नौकरशाहों को अधिक महत्व देते हैं, जिसने इन नौकरशाहों को मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की अवहेलना करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
गौरतलब है कि इन दिनों बिहार में विभागों के अंतर्गत अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक, मदन सहनी से पहले बीजेपी के नेता ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने भी अपने ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई लोग हैं जो पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग करते हैं जिस बात की जांच होनी चाहिए। उन्होंने तो कुछ संबंधित मंत्रियों के घरों पर रेड डालने के लिए सीएम नीतीश के सामने अपनी मांग भी रख दी है। हालांकि इस पर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है।