देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच यूपी से बिहार तक गंगा सहित अन्य नदियों में तैरते हुए शव मिलने से हड़कंप मच गया है। जिसे लेकर हाल ही में रिहा हुए पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर राज्य और केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी जताई है।
लालू ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि गंगा मैया की गोद में लाशों का अम्बार लगना बेहद चिंताजनक, दर्दनाक और शर्मनाक है। किसकी लापरवाही से यह सब हो रहा है? उन्होंने आव्हान करते हुए कहा कि यूपी-बिहार के बेटों अपनी जीवनदायिनी गंगा माँ को बचाओ।
लालू ने एक और ट्वीट किया कि 2000 से अधिक शव गंगा में!! इतनी ग़रीबी है कि मृतकों के परिजनों के पास जलाने के लिए लकड़ी और कफन खरीदने के पैसे नहीं है। इसलिए शवों को गंगा जी में बहा दे रहे है या दफन कर दे रहे है। कथित नीति आयोग सरकारी संपत्ति के एवज में इस पर भी कोई निजीकरण की योजना बनाने में व्यस्त होगा।
वहीं दूसरी ओर लालू यादव के बेटे और बिहर के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी राज्य और केंद्र के खिलाफ हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि डब्ल्यूएचओ व आईसीएमआर मानक के अनुसार आरटी-पीसीआर टेस्ट कोरोना जांच का गोल्ड स्टैंडर्ड है और उसे कुछ जांच का 70 प्रतिशत होना चाहिए। लेकिन बिहार में नीतीश सरकार ठीक इसके विपरीत मात्रा 25-30 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जांच कर रही है। इससे भी आश्चर्यजनक तथ्य ये है कि पिछले साल की तुलना में 41 प्रतिशत कटौती की है जबकि पॉजिटिव रेट 20 प्रतिशत है।