बिहार में दिन ब दिन कोरोना के कारण हालात खराब होते जा रहे हैं। खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते कोरोना मरीजों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार की नीतीश सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। मंगलवार को तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि बिहार के 40 में से 39 एनडीए सांसदों और 5 केंद्रीय मंत्रियों को नाक रगड़कर बिहारवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि इस संकट की घड़ी में वो जनता के किसी काम नहीं आ सकते।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र गुजरात, यूपी में जीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय इत्यादि के माध्यम से ऑक्सीजन, डॉक्टर की व्यवस्था कर रही है, लेकिन बिहार की नहीं। क्या नीतीश कुमार डबल इंजन सरकार जनित स्वास्थ्य आपदा के वक्त भी केंद्र सरकार से जरुरी मदद नहीं मांग सकते या केंद्र उनकी हैसियत और साख देख सहायता नहीं कर रहा? नीतीश जी, स्थिति स्पष्ट करे। बिहार एनडीए के कुल 48 सांसद क्या झाल बजा रहे है? क्या छुपकर चुप रहने के लिए जनता ने चुना था?
बता दें कि इससे पहले सोमवार को भी तेजस्वी यादव ने आरोप लगाए थे कि बिहार की स्वस्थ्य व्यवस्था बदहाल है। जब सरकार को जागना चाहिए था तब सरकार कोरोना बीमारी को ही नकार रही थी। फिर माना तब नमस्ते ट्रम्प व एमपी में सरकार बना ताली-थाली बजवा, दीया बत्ती जलवा रही थी। और जब मामले बढ़े तो गेंद राज्यों के पाले में फेंक दिया। जब केंद्र सरकार का कोई दायित्व ही नहीं है तो है किसलिए? चुनाव के लिए? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या सरकार के पास 12 करोड़ बिहारवासियों के वाजिब सवालों का जवाब है? आरोप लगाया कि बिहार की स्वास्थ्य सेवा आईसीयू में है।
इसके साथ ही जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने भी नीतीश सरकार से सवाल किए कि एम्स में निदेशक कह चुके हैं कि रेमडेसिविर दवा कोरोना का इलाज नहीं है, फिर इस पर बैन क्यों नहीं लग रहा? गलत जानकारी के कारण लोग 20 से 30 हजार रुपये देकर इस दवा को खरीद रहे हैं। इस दवा पर सरकार को रोक लगानी चाहिए।