केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित महाल आवास पर बम विस्फोट की झूठी धमकी देने वाले एक व्यक्ति को नागपुर पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। यह धमकी एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल के ज़रिए दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि गडकरी के घर को 10 मिनट में उड़ा दिया जाएगा।
कॉल मिलते ही नागपुर पुलिस, बम निरोधक दस्ता और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं। गडकरी के आवास की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन जांच में कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। बाद में यह स्पष्ट हो गया कि यह एक फर्जी कॉल थी।
पुलिस ने कॉल की लोकेशन और नंबर को ट्रेस कर आरोपी की पहचान उमेश विष्णु राऊत के रूप में की। उमेश तुलसी बाग रोड, महाल, नागपुर का निवासी है और एक स्थानीय शराब की दुकान में सर्वर का काम करता है। आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
नागपुर के डीसीपी एस. रुशिकेश रेड्डी ने बताया कि कॉल के दौरान धमकी देने वाले ने कहा कि गडकरी के घर में बम लगाया गया है जो जल्द फटने वाला है। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी तत्परता के साथ रेस्पॉन्ड किया और खतरे की संभावना को नकारा नहीं, लेकिन जांच के बाद यह फर्जी निकला।
पुलिस के अनुसार, आरोपी पर इससे पहले कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था और वह कभी उनके रडार पर नहीं आया था। यह भी स्पष्ट नहीं है कि उसने यह कॉल क्यों की—क्या वह मानसिक तनाव में था, नशे में था या कोई और मकसद था।
गडकरी के आवास और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इस तरह की फर्जी कॉल न करें, क्योंकि यह संसाधनों की बर्बादी और कानूनन अपराध है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत में उच्चस्तरीय नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था कितनी संवेदनशील है और पुलिस किस स्तर की सतर्कता से हर अलर्ट को संभालती है। पुलिस अब आरोपी के मानसिक हालात, पृष्ठभूमि और मंशा की गहराई से जांच कर रही है।